गुवाहाटी, 18 जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि पैकन आरक्षित वन क्षेत्र में कथित अतिक्रमणकारियों द्वारा सुरक्षा बलों पर किए गए हमले के सिलसिले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
उन्होंने दावा किया कि उस इलाके से सभी अतिक्रमणकारियों को हटा दिया गया है।
पिछले सप्ताह आरक्षित वन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था।
शर्मा ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमने पहले ही कार्रवाई कर दी है। घटना के कुछ ही घंटों के भीतर दस लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। हमारी कार्रवाई पूरी हो गई है।”
ग्वालपाड़ा जिले के पैकन आरक्षित वन क्षेत्र में बृहस्पतिवार को कथित अतिक्रमणकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मी समेत 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
कृष्णाई रेंज के अंतर्गत आरक्षित वन में लगभग 135 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए 12 जुलाई को चलाए गए अभियान से 1,080 परिवार प्रभावित हुए थे और हटाये गए लोगों में ज्यादातर बांग्ला भाषी मुसलमान थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पैकन को अब ‘खाली’ करा लिया गया है।
उन्होंने कहा, “वे (कथित अतिक्रमणकारी) वहां दोबारा नहीं आएंगे। एक समय के बाद, वे वापस नहीं आते, यह मुझे अपने अनुभव से पता है।”
शर्मा ने कहा कि अतिक्रमण-रोधी अभियान के बाद भी 40-50 परिवार अस्थायी आश्रयों में रह रहे हैं और अधिकारियों ने उन्हें तुरंत बाहर नहीं निकाला, क्योंकि उन्होंने जल्द ही इलाका छोड़ने का आश्वासन दिया था।
शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बुधवार को असम दौरे के दौरान अपने भाषणों के जरिये अतिक्रमणकारियों को बढ़ावा देने का आरोप दोहराते हुए कहा, “ग्वालपाड़ा से लोग राहुल की सभा में आए थे। बाद में, वे रात में पैकन गए और वहां लोगों को भड़काया, जिसके बाद उन्होंने (कथित अतिक्रमणकारियों ने) अगले दिन वन रक्षकों और पुलिस पर हमला कर दिया।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि खरगे और राहुल के भड़काऊ भाषणों का कोई असर हुआ या नहीं। हालांकि, एक व्यक्ति की मौत गयी।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे दिन भर के दौरे के दौरान राहुल गांधी के साथ थे।
भाषा जितेंद्र सुरेश
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