ठाणे, 18 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक गोदाम में आग लगने की घटना के संबंध में गोदाम की मालकिन को अग्रिम जमानत दे दी है।
इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन. के. करांडे ने 11 जुलाई को पारित आदेश में भिवंडी स्थित गोदाम की मालकिन लक्ष्मी अरविंद सुतार की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी।
गोदाम में 14 जून को आग लगी थी।
अदालत ने कहा कि यद्यपि मामले में लापरवाही हुई थी, लेकिन आरोपी महिला की ओर से ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया था, जिससे उस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया जा सके।
आवेदक की ओर से अधिवक्ता विकास पाटिल-शिरगांवकर ने जमानत याचिका दायर की थी।
उन्होंने तर्क दिया कि सुतार निर्दोष हैं और उन्होंने अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए थे।
अधिवक्ता ने कहा कि वह जांच में सहयोग करेंगी और वह कहीं नहीं जाएंगी। इस घटना के संबंध में नारपोली थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि सुतार और उनके प्रबंधक ने स्वामी समर्थ वेयरहाउस में ज्वलनशील और विस्फोटक रसायन तथा खाद्य सामग्री रखी थी जबकि उन्हें इसके खतरों की जानकारी थी। गोदाम में आग लगने से समाधान भोंगले नामक व्यक्ति की मौत हो गई और गोदाम में रखे अन्य सामान को भी नुकसान पहुंचा।
अदालत ने कहा, ‘‘विस्फोटक पदार्थ और रसायनों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए जाने को लेकर गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं बनता। बीएनएस की धारा 105 के तहत मामला दर्ज करने के लिए केवल चूक या लापरवाही से अधिक कोई कृत्य होना आवश्यक है।’’
इसने कहा, ‘‘प्राथमिकी का अवलोकन करने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक/आरोपी के खिलाफ ऐसा कोई कार्य नहीं है, जिससे उसके खिलाफ आरोप तय किए जाएं।’’
भाषा
प्रीति अविनाश
अविनाश
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