नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) संसद के 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, जे पी नड्डा और किरेन रीजीजू सहित कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।
रविवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक से ठीक पहले रक्षा मंत्री के आवास पर इस बैठक का आयोजन किया गया।
माना जा रहा है कि मंत्रियों ने प्रासंगिक मुद्दों पर सरकार के रुख पर रणनीति बनाई, जबकि विपक्ष बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), पहलगाम हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित कई मुद्दों को संसद के मानसून सत्र में उठाने की तैयारियों में जुटा है।
हालांकि, बैठक के एजेंडे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह मानसून सत्र से संबंधित थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री शाह, स्वास्थ्य मंत्री नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू के अलावा, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी पीयूष गोयल और जी किशन रेड्डी भी इस बैठक में शामिल हुए।
विपक्ष संसद में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है।
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे प्रमुख विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि एसआईआर, जिसे अन्य राज्यों में भी लागू किए जाने की संभावना है, भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए है।
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार पर प्रहार करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘संघर्ष विराम’’ में मध्यस्थता करने संबंधी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे का भी सहारा लिया है।
हालांकि, सरकार ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया है, लेकिन विपक्ष चर्चा कराने की मांग पर अड़ा हुआ है और इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग करता रहा है।
वहीं, सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को एक बड़ी कामयाबी बताया है, जिसके तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।
भाजपा और बिहार में उसके सहयोगियों ने चुनावी राज्य में एसआईआर का समर्थन करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विधानसभा चुनाव में केवल पात्र मतदाता ही मतदान कर सकें।
सिंह आमतौर पर सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हैं। संसद का मानसून सत्र 21 अगस्त को समाप्त होगा।
भाषा सुभाष दिलीप
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