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Saturday, July 19, 2025

रिलायंस इंडस्ट्रीज को जून तिमाही में सर्वाधिक 26,994 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ

Newsरिलायंस इंडस्ट्रीज को जून तिमाही में सर्वाधिक 26,994 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ

(चार्ट के साथ)

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का एकीकृत शुद्ध लाभ अप्रैल-जून तिमाही में 78.3 प्रतिशत उछलकर अबतक का सर्वाधिक 26,994 करोड़ रुपये रहा। उपभोक्ता कारोबारों के शानदार प्रदर्शन के कारण कंपनी का लाभ बढ़ा है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने शुक्रवार को शेयर बाजार को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के वित्तीय नतीजों की सूचना देते हुए कहा कि उसका एकीकृत शुद्ध लाभ अप्रैल-जून 2025 में 26,994 करोड़ रुपये यानी 19.95 रुपये प्रति शेयर रहा, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 15,138 करोड़ रुपये था।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ तिमाही आधार पर 39 प्रतिशत अधिक रहा। कंपनी ने जनवरी-मार्च तिमाही में 19,407 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।

आलोच्य तिमाही में मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने उपभोक्ता व्यवसायों- खुदरा और दूरसंचार खंडों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की।

दूरसंचार इकाई जियो को उपभोक्ता आधार में वृद्धि से मदद मिली जबकि खुदरा व्यवसाय रिलायंस रिटेल को स्टोर नेटवर्क के विस्तार और ग्राहकों की आमद बढ़ने का फायदा हुआ।

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में आरआईएल का परिचालन राजस्व 5.26 प्रतिशत बढ़कर 2.48 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 2.36 लाख करोड़ रुपये था।

कंपनी के मुख्य व्यवसाय पेट्रोलियम रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल ने कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और नियोजित बंदी में कम मात्रा की रिफाइनिंग होने के कारण सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की।

कंपनी के एक बयान में कहा कि जियो-बीपी के जरिये परिवहन ईंधन के घरेलू नियोजन में वृद्धि से इस खंड के राजस्व को समर्थन मिला।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस ने वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत एक मजबूत एवं चौतरफा परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन के साथ की है।

अंबानी ने कहा, ‘वैश्विक वृहद-आर्थिक परिदृश्य में उल्लेखनीय उतार-चढ़ाव के बावजूद, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एकीकृत ईबीआईटीडीए (कर पूर्व आय) एक साल पहले की तुलना में काफी सुधरा है। तिमाही के दौरान ऊर्जा बाजारों में अनिश्चितता का माहौल रहा और कच्चे तेल की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया।’

उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम व्यवसाय ने घरेलू मांग की पूर्ति और जियो-बीपी नेटवर्क के जरिये मूल्यवर्धित समाधानों की पेशकश के दम पर मज़बूत वृद्धि दर्ज की जबकि ईंधन एवं अन्य उत्पादों के मार्जिन में सुधार से भी प्रदर्शन को बल मिला।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

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