भोपाल, 18 जुलाई (भाषा) वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने शुक्रवार को कहा कि राजनेता, डॉक्टर, वकील, कवि और पत्रकार कभी भी सार्वजनिक सेवा से सेवानिवृत्त नहीं होते तथा जब तक उन्हें सेवा करने के लिए कहा जाता है, तब तक वे सेवा करते रहते हैं।
हालांकि, मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर टिप्पणी नहीं कर पाएंगी, जिसमें उन्होंने 75 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने की जरूरत के संबंध में संघ विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को उद्धृत किया था।
भारती ने भागवत की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं सरसंघचालक (भागवत) के बयान पर टिप्पणी नहीं कर सकती। सबसे पहले, मैं उनके पारंपरिक संगठन की सदस्य नहीं हूं, लेकिन मैं उस विचारधारा की अनुयायी हूं। मैं उनके बयान पर टिप्पणी नहीं कर सकती। लेकिन मेरा मानना है कि शिक्षक, वकील, डॉक्टर, कलाकार, कवि और पत्रकार कभी सेवानिवृत्त नहीं होते। उन्हें तब तक सार्वजनिक सेवा करनी है जब तक इसकी आवश्यकता है।’’
भारती ने कहा, ‘‘गुरु को ज्ञान देना होता है और डॉक्टर को नब्ज़ टटोलनी होती है। अगर कोई मदद की गुहार लगाता है और नेता चिता पर हो तो भी उसे ज़िंदा होना ही पड़ता है।’’
उन्होंने कहा कि एक शिक्षक, एक डॉक्टर, एक वकील, एक पत्रकार, लेखक, संगीतकार का ज्ञान एक मां के ज्ञान जैसा होता है।
भारती ने कहा, ‘‘अगर एक मां 80 साल की भी हो जाए, तो भी वह आपसे प्यार करेगी। वह यह नहीं कहेगी कि मैं ‘रिटायर’ हो गई हूं, इसलिए मैं तुम्हें रोटी नहीं दूंगी।’’
भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिए जाने पर उनकी स्थिति के बारे में पूछे जाने पर, 66 वर्षीय नेता भारती ने कहा कि वह ‘तैयार’ हैं । उन्होंने कहा,‘‘मैं अभी ‘रिटायर’ नहीं हुई हूं।’’
उन्होंने पूर्ण शराबबंदी के बारे में भी बात की और दावा किया कि यह एक ऐसा फैसला है जो सरकार को लेना है। उन्होंने यह भी कहा कि नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अभियान की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि जब किसान गायों का पालन-पोषण करेंगे और सरकार का समर्थन करेंगे, तभी उनकी रक्षा होगी।
भाषा दिमो राजकुमार
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