मोतिहारी, 18 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार में चुनावी शंखनाद करते हुए राज्य में एक बार फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनाने का आह्वान किया और ‘‘कांग्रेस-राजद गठजोड़ की बुरी नीयत से बिहार को बचाने की जरूरत बताई।’’
मोदी ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर यह आरोप भी लगाया कि उसने नौकरियों के झूठे वादे करके गरीबों की जमीन हड़प ली। साथ ही, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पूर्वी भारत के विकास के लिए विकसित बिहार जरूरी है।
पूर्वी चंपारण जिले के मुख्यालय मोतिहारी शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के लोगों ने इस धरती को राजद और कांग्रेस की बेड़ियों से मुक्त किया,’’ लेकिन ‘‘युवा पीढ़ी को यह जानना जरूरी है कि बिहार दो दशक पहले किस तरह हताशा में डूबा हुआ था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपको राजद के लोग कभी रोजगार नहीं दे सकते, जो रोजगार देने के नाम पर आपकी जमीनें अपने नाम लिखवा लेते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इसके विपरित, ‘‘बिहार में लाखों युवाओं को स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाली मुद्रा योजना के तहत ऋण मिला है, और उनकी सरकार ने निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को 15,000 रुपये की सहायता जैसी अन्य योजनाएं भी शुरू की हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘यह योजना एक अगस्त से शुरू की जाएगी और केंद्र इस पर एक लाख करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगा।’’
उन्होंने आगामी महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, ‘‘बनाएंगे नया बिहार, फिर एक बार एनडीए (राजग) सरकार’’ नारा भी दिया।
मोदी ने आरोप लगाया कि राजद-कांग्रेस के शासन के दौरान राज्य में गरीबों को पक्के घर मिलना असंभव था और लोग अपने घरों में रंग-रोग़न तक नहीं करवाते थे, क्योंकि उन्हें डर था कि मकान मालिक ही उठवा लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके उलट, ‘‘पिछले 11 वर्षों में पीएम आवास योजना के तहत देश में गरीबों के लिए 4 करोड़ से ज्यादा घर बनाए गए हैं। इनमें से करीब 60 लाख घर अकेले बिहार में गरीबों के लिए बनाए गए हैं। यह दुनिया में नॉर्वे, न्यूज़ीलैंड और सिंगापुर जैसे देशों की जो कुल आबादी है से अधिक है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘अकेले मोतिहारी जिले में ही करीब 3 लाख गरीब परिवारों को पक्के घर मिले हैं। और, यह गिनती लगातार तेजी से आगे बढ़ रही है। आज, यहां 12 हजार से ज्यादा परिवारों को अपने पक्के घर में गृह प्रवेश के लिए चाभी मिली है।’’
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण से पहले 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई जन-धन योजना की बदौलत अब सबसे गरीब लोगों की बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच हो गई है, जो पहले के समय के बिल्कुल विपरीत है, ‘‘जब हमारी माताओं और बहनों को अपनी बचत अपने घर के किसी कोने में छिपाकर रखने के लिए मजबूर होना पड़ता था।’’
मोदी ने कांग्रेस-राजद गठजोड़ पर आरोप लगाया कि ‘‘इनका अहंकार उन नेताओं को कोई सम्मानजनक स्थान नहीं देता, जो इन पार्टियों को नियंत्रित करने वाले परिवारों से संबंधित नहीं हैं।’’
उनका इशारा संभवत: निर्दलीय सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की ओर था, जिन्हें पिछले हफ्ते उस समय धक्का देकर किनारे कर दिया गया था, जब वे उस वाहन पर सवार होने की कोशिश कर रहे थे, जिसपर से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पटना में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस-राजद गठजोड़ ने सत्ता में रहते हुए ‘‘विकास पर ब्रेक लगा दिए थे’’, लेकिन ‘‘हम राज्य की जनता के संकल्प को सलाम करते हैं, जिन्होंने 2005 के विधानसभा चुनावों में बेड़ियां तोड़ दीं’’ और राजग को राज्य में पहली बार सत्ता में लाया।
उन्होंने कहा कि ‘‘दो दशक पहले तक बिहार जिस निराशा के गर्त में डूबा हुआ था, उससे युवा पीढ़ी को अवगत कराया जाना चाहिए’’ और ‘‘कांग्रेस-राजद गठजोड़ की बुरी नीयत से बिहार की रक्षा करना’’ जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का भी जिक्र किया, जो मधुबनी जिले से उनकी इस घोषणा के बाद शुरू किया गया था कि पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को सजा दी जाएगी।
उन्होंने लोगों के साथ विकसित बिहार के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया, ‘‘जिसमें मोतिहारी को पूर्वी भारत में उतनी ही प्रमुखता मिले, जितनी पश्चिम भारत में मुंबई को, गयाजी में अवसर गुरुग्राम के बराबर हों तथा पटना में औद्योगिक विकास पुणे के बराबर हो।’’
मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के साथ मंच साझा किया। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन, नित्यानंद राय और रामनाथ ठाकुर भी मौजूद थे।
भाषा सुभाष दिलीप
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