24.8 C
Jaipur
Saturday, July 19, 2025

एमएससीबी घोटाला: अदालत ने रोहित पवार के खिलाफ समन जारी किया

Newsएमएससीबी घोटाला: अदालत ने रोहित पवार के खिलाफ समन जारी किया

मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में विधायक रोहित पवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा पाया गया है कि उन्होंने ‘जानबूझकर इस धोखाधड़ी वाले अधिग्रहण में भाग लिया’।

सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर ने रोहित पवार,उनके करीबी सहयोगी और व्यवसायी राजेंद्र इंगवाले और पवार की कंपनी बारामती एग्रो लिमिटेड को समन जारी किया। उन्हें 21 अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है।

ईडी ने पिछले महीने पवार के खिलाफ मामले में एक नया आरोपपत्र दायर किया था।

अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी रोहित पवार (बारामती एग्रो के निदेशक) और इंगवाले (हाई-टेक इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन के निदेशक) प्रथम दृष्टया इस धोखाधड़ी वाले अधिग्रहण में जानबूझकर भाग लेते पाए गए हैं।’’

यह तीसरा आरोपपत्र था और इस मामले में कंपनियों सहित 17 आरोपी हैं।

शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित से ईडी इस मामले के सिलसिले में पहले भी दो बार पूछताछ कर चुका है।

एमएससीबी धन शोधन मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा अगस्त 2019 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है।

यह घोटाला इस आरोप से संबंधित है कि सहकारी साखा कारखाना (एसएसके) को एमएससीबी के तत्कालीन अधिकारियों और निदेशकों द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना अपने रिश्तेदारों/निजी व्यक्तियों को औने-पौने दामों पर धोखे से बेच दिया गया था।

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि एमएससीबी ने छत्रपति संभाजीनगर में कन्नड़ एसएसके लिमिटेड के 80.56 करोड़ रुपये के बकाया ऋण की वसूली के लिए, जुलाई 2009 में वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम के तहत इसकी सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया।

ईडी ने आरोप लगाया कि एमएससीबी ने 30 अगस्त 2012 को कन्नड़ एसएसके की नीलामी की, जिसमें मूल्यांकन करने वाली एक संदिग्ध रिपोर्ट के आधार पर ‘बहुत कम’ आरक्षित मूल्य तय किया गया।

इसमें कहा गया है, ‘‘बारामती एग्रो लिमिटेड के अलावा दो अन्य पक्ष भी बोली प्रक्रिया में शामिल हुए। सबसे ऊंची बोली लगाने वाले बोलीदाता को तकनीकी रूप से कमजोर आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया, जबकि दूसरा बोलीदाता पहले से ही बारामती एग्रो लिमिटेड का करीबी व्यापारिक सहयोगी था, जिसके पास न तो कोई वित्तीय क्षमता थी और न ही चीनी इकाई चलाने का कोई अनुभव था।’’

कन्नड़ एसएसके का स्वामित्व रोहित पवार की कंपनी बारामती एग्रो लिमिटेड के पास है। अदालत ने रिकॉर्ड और दस्तावेजों के अवलोकन के बाद कहा कि प्रथम दृष्टया यह पता चलता है कि कन्नड़ एसएसके की नीलामी प्रक्रिया ‘धोखाधड़ी से प्रभावित’ थी।

अदालत ने कहा कि उल्लेखनीय है कि नीलामी के तुरंत बाद, मार्च 2013 में यस बैंक ने कारखाने का पुनर्मूल्यांकन 75 करोड़ रुपये पर किया था, जो नीलामी के दौरान कम मूल्यांकन की ओर इशारा करता है।

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles