24.6 C
Jaipur
Saturday, July 19, 2025

बांग्लादेश में हिंसा के बाद 160 से अधिक लोग गिरफ्तार, मृतकों की संख्या पांच हुई

Newsबांग्लादेश में हिंसा के बाद 160 से अधिक लोग गिरफ्तार, मृतकों की संख्या पांच हुई

ढाका, 18 जुलाई (भाषा) बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के गृह नगर गोपालगंज में शुक्रवार को 160 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया और कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी गई। इस बीच शहर में बुधवार को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है।

पुलिस के मुताबिक, 164 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और सैकड़ों अन्य की तलाश जारी है। उसने बताया कि नौसेना और तटरक्षक बल के जवान भी ढाका से लगभग 160 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित गोपालगंज में हुई हिंसा में शामिल संदिग्धों को पकड़ने के लिए नदियों और नहरों में गश्त कर रहे हैं।

नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) की रैली के दौरान हुई झड़प में चार लोग मारे गए थे। रैली एक तरह से युद्धक्षेत्र में बदल गई, क्योंकि छात्रों के नेतृत्व वाली पार्टी के मार्च से पहले शेख मुजीबुर रहमान की बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के सैकड़ों समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हो गई।

एक स्थानीय अखबार के संपादक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, ‘स्थानीय अस्पताल ने गोली लगने से गंभीर रूप से घायल रमजान मुंसी को ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया था, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।’

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों और कई अज्ञात व्यक्तियों पर बुधवार को एक पुलिस वाहन में आग लगाने और कई अधिकारियों पर हमला करने का आरोप है।

बांग्लादेशी सेना ने एक बयान में कहा कि गोपालगंज में बुधवार को हुई झड़पों के दौरान “अनियंत्रित लोगों के एक समूह” के हमला करने के बाद उसने आत्मरक्षा में बल प्रयोग किया।

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के बयान में कहा गया है कि लोगों के एक समूह ने गोपालगंज सदर में एक राजनीतिक दल के महीने भर के कार्यक्रम के तहत आयोजित सार्वजनिक रैली को लेकर हिंसा को अंजाम दिया।

बयान के अनुसार, ‘हिंसा के शुरुआती चरण में कई पुलिसकर्मी और पत्रकार घायल हो गए, जबकि सरकारी वाहनों और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।’

इसमें कहा गया है, ‘जैसे ही स्थिति बिगड़ी, सेना और स्थानीय पुलिस दोनों ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रण में लाने में कामयाब रहे।’

इस बीच, पुलिस ने बताया कि बुधवार शाम को 22 घंटे के लिए लगाए गए कर्फ्यू की अवधि शनिवार सुबह छह बजे तक के लिए बढ़ा दी गई है।

फोन पर संपर्क करने पर लोगों ने बताया कि पूरे जिले पर नजर रखने के लिए सेना और दंगा पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और तटरक्षक बल के अतिरिक्त जवानों को तैनात किए जाने से निवासियों में डर का माहौल है।

एक कनिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘बुधवार से लागू कर्फ्यू के दूसरे दिन भी लोग घरों के अंदर रहने को मजबूर हैं और व्यवसाय व कार्यालय बंद रहे। शुक्रवार को कर्फ्यू में थोड़ी देर के लिए ढील दी गई, ताकि मुसलमान जुमे की नमाज अदा कर सकें।’

उन्होंने बताया कि सैनिकों ने गोपालगंज जिला मुख्यालय और उप-जिला मुख्यालयों की सड़कों पर बख्तरबंद वाहनों (एपीसी) से गश्त लगाने के दौरान मेगाफोन का इस्तेमाल कर लोगों से अपने घरों के अंदर रहने की अपील की।

‘डेली स्टार’ अखबार ने खबर दी है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से कार्रवाई शुरू किए जाने के बाद कई निवासी क्षेत्र छोड़कर भाग गए।

एनसीपी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (एसएडी) समूह की एक शाखा है, जो पांच अगस्त 2024 को हसीना सरकार के पतन का कारण बनने वाले हिंसक विरोध-प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहा है।

बुधवार को तमाम बाधाओं के बावजूद एनसीपी ने गोपालगंज में अपने संयोजक नाहिद इस्लाम की अध्यक्षता में क्षतिग्रस्त मंच पर टूटे हुए साउंड सिस्टम के साथ रैली की। गोपालगंज हसीना की अवामी लीग का गढ़ है।

यूनुस के कार्यालय ने पहले एक बयान जारी कर एनसीपी की रैली को रोकने के प्रयास को अक्षम्य बताया था और कहा था कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।

भाषा पारुल अविनाश

अविनाश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles