कल्याणी, 18 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल के नदिया जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह के नौ सदस्यों को एक कृषि वैज्ञानिक से करीब एक करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अधिकारियों ने बताया कि ठगी के मामले में दोषी पाए गए नौ लोगों में से चार महाराष्ट्र के, तीन हरियाणा के और दो गुजरात के हैं।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस. सरकार ने सभी नौ अभियुक्तों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने एक दिन पहले यानी बृहस्पतिवार को उन्हें दोषी करार दिया था।
रानाघाट पुलिस जिला के अंतर्गत कल्याणी स्थित साइबर अपराध थाना में पीड़ित वैज्ञानिक ने छह नवम्बर 2024 को शिकायत दर्ज कराई थी।
रानाघाट जिला पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) सिद्धार्थ धपोला ने बताया कि सभी ने सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक को सरकारी अधिकारी बनकर धमकाया और ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के जाल में फंसाया और उनसे विभिन्न बैंक खातों के जरिए करीब एक करोड़ रुपये लिए।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने एक माह तक चले अभियान के तहत आरोपियों को विभिन्न राज्यों से गिरफ्तार किया।
धपोला के अनुसार, पुलिस ने अभियान के दौरान बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, बैंक दस्तावेज, पैन कार्ड और चेकबुक जब्त किए।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ है जिसका सरगना संभवत: दक्षिण-पूर्व एशिया के किसी देश में छिपा है।
भाषा
राखी अविनाश
अविनाश