मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने महाराष्ट्र में बजट से इतर उधारी (ओबीबी) पर बढ़ती निर्भरता पर चिंता जताई है।
कैग ने चेतावनी दी कि इस तरह का चलन राजकोषीय पारदर्शिता को प्रभावित करता है और स्थायी वित्तीय प्रबंधन के लिए इन्हें विधायी नियंत्रण में लाया जाना चाहिए।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महाराष्ट्र राज्य के वित्त पर कैग की रिपोर्ट शुक्रवार को विधानसभा में पेश की गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि बजट से इतर उधारी के जरिये व्यय का वित्तपोषण करने से राज्य की सार्वजनिक देनदारियां समय के साथ काफी बढ़ जाती हैं, जिससे राज्य कर्ज के जाल में फंस जाता है, और विधानसभा को पता भी नहीं चलता कि ऐसी देनदारियां बन रही हैं।
कैग ने रिपोर्ट में महाराष्ट्र राज्य आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियों के लिए उसकी खिंचाई की है, जिसके कारण राजस्व में भारी कमी आई।
रिपोर्ट में बताया गया कि लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क के गलत आकलन के कारण राज्य को 20.15 करोड़ रुपये के राजस्व और 70.22 करोड़ रुपये के ब्याज का नुकसान हुआ।
भाषा पाण्डेय रमण
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