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Saturday, July 19, 2025

न्यायालय ने पूर्व सैनिक की पत्नी और बेटी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द की

Newsन्यायालय ने पूर्व सैनिक की पत्नी और बेटी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द की

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को तेलंगाना में भूमि विवाद को लेकर सेना के एक सेवानिवृत्त मेजर जनरल की 70-वर्षीय पत्नी और उसकी बेटी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया और शिकायतकर्ता पर ‘‘न्याय प्रणाली का दुरुपयोग’’ करने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने माला चौधरी और उनकी बेटी पुट्टागुंटा रेवती चौधरी की याचिका का तेलंगाना उच्च न्यायालय द्वारा ‘‘लापरवाही से निपटारा’’ करने के दृष्टिकोण को ‘‘बिल्कुल नपा तुला और लापरवाहीपूर्ण” करार दिया।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने अपीलकर्ताओं द्वारा दायर याचिका को कूट तरीके से निपटाते हुए, जैसा कि संकेत दिया गया था, पूर्णतया रूढिवादी दृष्टिकोण अपनाया… यहां तक कि मामले के गुण-दोष पर भी विचार नहीं किया।’’

पीठ ने उच्च न्यायालय द्वारा प्राथमिकी रद्द करने की याचिका को सरसरी तौर पर खारिज करने के तरीके को लेकर भी नाराजगी जताई।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘प्राथमिकी को पढ़ने से ही यह स्पष्ट है कि तथाकथित मौखिक विक्रय समझौते के तहत पंजीकृत विक्रय पत्र के क्रियान्वित न करने से जुड़े एक साधारण विवाद को फौजदारी तंत्र का दुरुपयोग करके एक आपराधिक मामले का रूप दे दिया गया है। इतना ही नहीं, अपीलकर्ता-एक वृद्ध महिला और एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी की पत्नी हैं, फिर भी उन्हें इस झूठी और ओछी प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया और लगभग आठ दिनों तक हिरासत में रहना पड़ा।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि हालांकि उसने याचिका को नए सिरे से विचार करने के लिए उच्च न्यायालय में वापस भेजने के बारे में सोचा था, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि मां और बेटी को ‘‘और अधिक उत्पीड़न और अपमान’’ न हो, इसका निस्तारण करने का फैसला लिया।

न्यायमूर्ति मेहता द्वारा लिखे गए 21 पन्ने के फैसले में कहा गया, ‘‘शिकायत में स्वीकार किए गए आरोपों के बावजूद, प्राथमिकी दर्ज करने का कोई औचित्य नहीं था और इसके बजाय शिकायतकर्ता को दीवानी अदालत जाकर उचित उपाय अपनाने का निर्देश दिया जाना चाहिए था।’’

मां और बेटी ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के 28 अप्रैल, 2023 के आदेश को चुनौती दी, जिसमें प्राथमिकी और उसके बाद की कार्यवाही को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

यह विवाद तेलंगाना के गाचीबोवली में अपीलकर्ता माला के स्वामित्व वाले एक भूखंड को शिकायतकर्ता सृजन सेन को बेचने के मौखिक समझौते से उत्पन्न हुआ था। सेन एक निर्माण फर्म का कथित एजेंट है।

अपीलकर्ताओं के अनुसार, अक्टूबर 2020 में एक सशर्त प्रस्ताव दिया गया था, जिसमें एक निश्चित समय-सीमा के भीतर पूर्ण भुगतान की जानी थी।

हालांकि शिकायतकर्ता ने बैंकिंग माध्यमों से 4.05 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिए, लेकिन अपीलकर्ताओं ने मौखिक शर्तों के विपरीत, आगे कोई भुगतान नहीं किए जाने का दावा किया।

सेन ने दिसंबर 2020 में एक प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने 75 लाख रुपये नकद दिए और मां-बेटी उन्हें धमकी दे रही हैं।आरोपों के आधार पर, तेलंगाना पुलिस ने जनवरी 2021 में माला को गिरफ्तार किया।

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश

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