ब्रसेल्स, 18 जुलाई (एपी) यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटेन ने रूस पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध खत्म करने का दबाव बढ़ाते हुए मॉस्को के ऊर्जा क्षेत्र, पुराने तेल टैंकरों के बेड़े और सैन्य खुफिया सेवा के कर्मियों को शुक्रवार को नये प्रतिबंधों से निशाना बनाया।
ईयू की विदेश नीति प्रमुख काजा कालास ने कहा, ‘‘संदेश साफ है : यूरोप यूक्रेन का समर्थन करने में पीछे नहीं हटेगा। यूरोपीय संघ तब तक दबाव बढ़ाता रहेगा, जब तक रूस अपना युद्ध समाप्त नहीं कर देता।’’
कालास की यह टिप्पणी यूरोपीय संघ के तेल की कीमतों पर नयी सीमा लागू करने सहित अन्य नये उपायों पर सहमति जताने के बाद आई।
उन्होंने कहा कि यह तीन साल से अधिक समय से जारी युद्ध के संदर्भ में ‘‘रूस के खिलाफ अब तक का सबसे कड़ा प्रतिबंध पैकेज’’ है।
यह पैकेज ऐसे समय में आया है, जब यूरोपीय देश यूक्रेन के लिए अमेरिकी हथियार खरीदना शुरू कर रहे हैं, ताकि देश अपनी सुरक्षा बेहतर ढंग से कर सके।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नये प्रतिबंधों का स्वागत किया। उन्होंने इस प्रतिबंधों को रूस के तीव्र हमलों के बीच ‘‘समय पर उठाया गया आवश्यक’’ कदम बताया।
जेलेंस्की ने कहा, ‘‘रूस की ओर से युद्ध में इस्तेमाल सभी बुनियादी ढांचे को अवरुद्ध किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन यूरोपीय संघ के साथ अपने प्रतिबंधों को समन्वयित करेगा और जल्द ही खुद के अतिरिक्त उपाय पेश करेगा।
वहीं, क्रेमलिन (रूस का राष्ट्रपति भवन) के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने यूरोपीय संघ के इस कदम को खारिज करते हुए कहा कि “हम इस तरह के एकतरफा प्रतिबंधों को गैरकानूनी मानते हैं।”
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘साथ ही, हमें प्रतिबंधों से कुछ छूट भी मिली है। हम प्रतिबंधों के बीच जीने के लिए खुद को ढाल चुके हैं। हमें नये पैकेज का विश्लेषण करना होगा, ताकि इसके नकारात्मक प्रभावों को कम से कम किया जा सके।’’
इस बीच, ब्रिटेन ने रूस की सैन्य खुफिया सेवा, जीआरयू की इकाइयों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
प्रतिबंध सूची में 18 ऐसे अधिकारियों को भी शामिल किया गया है, जिनके बारे में ब्रिटेन ने कहा कि उन्होंने 2022 में दक्षिणी यूक्रेन के एक थिएटर पर बम हमले की योजना बनाने और एक पूर्व रूसी जासूस के परिवार को निशाना बनाने में मदद की थी, जिसे बाद में एक नर्व एजेंट के साथ जहर दिया गया था।
मार्च 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के तुरंत बाद मारियुपोल के थिएटर में हुए बम हमले में वहां शरण लिए हुए सैकड़ों नागरिक मारे गए थे।
एपी पारुल देवेंद्र
देवेंद्र