31.1 C
Jaipur
Sunday, July 20, 2025

तृणमूल नेता अभिषेक ने पहलगाम हमले को लेकर केंद्र को घेरा, विदेश नीति की आलोचना की

Newsतृणमूल नेता अभिषेक ने पहलगाम हमले को लेकर केंद्र को घेरा, विदेश नीति की आलोचना की

कोलकाता, 20 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने पहलगाम आतंकवादी हमले में खुफिया विफलता का आरोप लगाते हुए केंद्र की आलोचना की और भारत की विदेश नीति में ‘‘तेजी से गिरावट’’ पर चिंता व्यक्त की।

बनर्जी के करीबी सूत्रों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के लिए संयुक्त विपक्ष की रणनीति को मजबूत करने के लिए बुलाई गई विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की ऑनलाइन बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया।

बनर्जी के एक करीबी सूत्र ने शनिवार को बैठक के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ ‘इंडिया’ गंठबधन की बैठक के दौरान बनर्जी ने पहलगाम का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से खुफिया विफलता है। यहां तक कि राज्यपाल ने भी इसे स्वीकार किया है। फिर आईबी प्रमुख को सेवा विस्तार क्यों दिया गया? क्या मजबूरी थी?’’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल आतंकवाद से निपटने के बजाय विपक्षी नेताओं को डराने-धमकाने में कर रही है।

बनर्जी ने पिछले एक दशक में भारत की विदेश नीति में आई ‘‘भारी गिरावट’’ पर चिंता व्यक्त की और पहलगाम हमले के बाद आसियान देशों की ओर से पाकिस्तान की स्पष्ट तौर पर निंदा न किए जाने की ओर इशारा किया।

सूत्र ने कहा, ‘‘बैठक में बनर्जी ने कहा कि पिछले 10-12 वर्षों में भारत की विदेश नीति में भारी गिरावट आई है। यह बुरी स्थिति में है। पहलगाम हमले की निंदा करते हुए किसी भी आसियान देश ने पाकिस्तान का नाम क्यों नहीं लिया?’’

उन्होंने आतंकवादी हमले के बाद मोदी सरकार की संचार रणनीति की भी आलोचना की और कहा कि भारतीयों को नयी जानकारी के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट पर निर्भर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।

सूत्र ने बताया कि बनर्जी ने कहा, ‘‘यह बहुत दुखद स्थिति है कि भारत के लोगों को अपडेट पाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया हैंडल और अकाउंट पर नजर रखनी पड़ी क्योंकि केंद्र सरकार ने उन्हें अंधेरे में रखा।’’

उन्होंने सरकार के उस निर्णय पर भी सवाल उठाया कि उसने अन्य देशों को भारत के रुख की जानकारी देने के लिए संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजा जबकि कथित तौर पर देश में नागरिकों से जानकारी छिपाई गई।

भाषा शोभना नेत्रपाल

नेत्रपाल

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles