अगरतला, 20 जुलाई (भाषा) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का पता लगाने के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन किया है।
उनकी यह टिप्पणी टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा द्वारा पश्चिम त्रिपुरा जिला पुलिस द्वारा राज्य में रह रहे अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें उनके मूल देश भेजने के लिए एक विशेष कार्यबल के गठन का खुलासा करने के एक दिन बाद आई है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्र ने पहले ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन लोगों को स्वीकार करने का फैसला कर लिया है, जिन्होंने धार्मिक उत्पीड़न के कारण 2014 से पहले भारत में शरण ली थी।’’
वह नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 का जिक्र कर रहे थे, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों — हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई — को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है। हमने दिसंबर 2014 के बाद हुई किसी प्रकार की घुसपैठ का पता लगाने के लिए पहले ही एक विशेष कार्यबल गठित कर दिया है। हम उन लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे जो दिसंबर 2014 के बाद यहां आए और अवैध रूप से रह रहे हैं।’’
निर्वाचन आयोग ने त्रिपुरा की मतदाता सूची में अवैध प्रवासियों के संभावित नामांकन के बारे में उठाई गई चिंताओं पर चर्चा करने के लिए टिपरा मोथा पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल को 23 जुलाई को बैठक के लिए आमंत्रित किया है।
देबबर्मा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘त्रिपुरा की मतदाता सूची में अवैध प्रवासियों के संभवत: नाम शामिल रहने के बारे में हमारी चिंताओं और बिहार की तरह विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की मांग के बाद, निर्वाचन आयोग ने हमें इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 23 जुलाई को एक बैठक के लिए बुलाया है।’’
भाषा सुभाष नरेश
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