नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) ‘भारतीय भाषा समूह’ के बैनर तले जुटे नागरिकों के एक समूह ने रविवार को देश के विभिन्न हिस्सों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को निशाना बनाए जाने की हालिया घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की।
समूह ने एक बयान में कहा कि वह भाषाई हमले को देश की विविधता के लिए एक ‘‘गंभीर खतरा’’ मानता है।
बयान में कहा गया, ‘‘पिछले एक महीने में देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें सामने आई हैं कि बांग्ला बोलने वाले प्रवासी श्रमिकों को परेशान किया गया, पीटा गया, गिरफ्तार किया गया, बांग्लादेश भेज दिया गया और वैध पहचान पत्र दिखाने के बावजूद उन्हें रिहा नहीं किया गया।’’
समूह ने आरोप लगाया कि दिल्ली, महाराष्ट्र और ओडिशा से प्रवासी श्रमिकों को वैध आधार और पैन कार्ड होने के बावजूद सीधे बांग्लादेश भेज दिया गया।
बयान में कहा गया, ‘‘हम इन बांग्ला भाषी नागरिकों की गिरफ्तारी और उत्पीड़न की कड़ी निंदा करते हैं।’’
इस बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में अर्थशास्त्री जयती घोष, सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी, संदीप पांडेय, सुभाष गाताडे और अनिल चमड़िया शामिल हैं।
भाषा राखी शफीक
शफीक