तोक्यो, 21 जुलाई (एपी) जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा का सत्तारूढ़ गठबंधन सोमवार को अहम संसदीय चुनाव में 248 सीट वाले ऊपरी सदन में बहुमत हासिल नहीं कर सका।
जापान की संसद ‘डायट’ के उच्च सदन ‘हाउस ऑफ काउंसलर्स’ की 248 सीट में से 124 के लिए रविवार को मतदान हुआ।
इशिबा की ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एलडीपी) और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेइतो को बहुमत बनाए रखने के लिए उसके पास पहले से मौजूद 75 सीट के अलावा 50 सीट और जीतनी थीं लेकिन गठबंधन 47 सीट ही जीत सका। यह आंकड़ा बहुमत से तीन सीट और उसकी पहले की सीट से 19 सीट कम हैं।
यह हार इशिबा के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए एक और झटका है। गठबंधन अक्टूबर में हुए निचले सदन के चुनाव में हार के बाद दोनों सदनों में अल्पमत में आ गया है तथा इससे जापान की राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई है। पार्टी की 1955 में स्थापना के बाद से यह पहली बार है जब एलडीपी ने संसद के दोनों सदनों में बहुमत खो दिया है।
इस हार के बावजूद इशिबा ने आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए पद पर बने रहने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया लेकिन उन्हें पद छोड़ने या कोई अन्य गठबंधन सहयोगी ढूंढने को लेकर अपनी पार्टी के भीतर से दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
इशिबा ने कहा, ‘‘मैं शीर्ष पार्टी के प्रमुख के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा और देश के लिए काम करूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक कठिन स्थिति है। मैं इसे विनम्रता और ईमानदारी से स्वीकार करता हूं।’’
इशिबा ने कहा कि उनकी पार्टी के खराब प्रदर्शन का कारण यह भी हो सकता है कि उनकी सरकार ने महंगाई को कम करने के लिए जो कदम उठाए हैं उनका फायदा लोगों को अभी तक नहीं मिल पाया है।
इशिबा ने 125 सीट के साधारण बहुमत का लक्ष्य रखा था जिसका मतलब है कि उनकी ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ और उसके बौद्ध समर्थित गठबंधन सहयोगी कोमेइतो को पहले से मौजूद 75 सीट में 50 सीट और जीतने की जरूरत थी लेकिन पार्टी यह आंकड़ा छूने में विफल रही।
‘एग्जिट पोल’ (मतदान के बाद के सर्वेक्षण) में भी इशिबा की हार की संभावना जताई गई थी।
जापान के ‘एनएचके’ टेलीविजन द्वारा जारी ‘एग्जिट पोल’ के अनुसार, प्रधानमंत्री के गठबंधन को 32-51 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया था जबकि अन्य चैनल ने अनुमान लगाया था कि उनके गठबंधन को 40 से अधिक सीट मिल सकती हैं।
ऊपरी सदन में एलडीपी के बहुमत खोने के बावजूद सरकार में तुरंत बदलाव नहीं होगा क्योंकि उच्च सदन के पास किसी नेता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार नहीं है, लेकिन इससे इशिबा की स्थिति और जापान की राजनीतिक स्थिरता को लेकर अनिश्चितता जरूर बढ़ जाएगी।
एपी सिम्मी मनीषा
मनीषा