मुंबई, 21 जुलाई (भाषा) वर्ष 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोट मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है ।
** 11 जुलाई, 2006 : शाम 6.23 बजे से 6.29 बजे के बीच पश्चिमी उपनगर रेलवे लाइन पर सात लोकल ट्रेनों के प्रथम श्रेणी के डिब्बों में सात विस्फोट। 187 लोगों की मौत, 824 घायल।
** 11 जुलाई, 2006 : अलग-अलग पुलिस थानों में सात प्राथमिकी दर्ज। बाद में मामलों की महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एअीएस) द्वारा एक साथ जांच की गई।
** जुलाई-अगस्त 2006 : एटीएस ने मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया।
** 30 नवंबर, 2006 : मामले में 13 पाकिस्तानी नागरिकों सहित 30 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर। कई आरोपी फरार।
** 2007 : विशेष अदालत में मुकदमे की शुरुआत।
** 19 अगस्त, 2014 : मुकदमे की सुनवाई समाप्त। विशेष अदालत ने 13 गिरफ्तार आरोपियों पर फैसला सुरक्षित रखा।
** 11 सितंबर, 2015 : विशेष अदालत ने 13 में से 12 आरोपियों को दोषी ठहराया। एक आरोपी साक्ष्यों के अभाव में बरी।
** 30 सितंबर, 2015 : विशेष अदालत ने पांच दोषियों को फांसी और सात को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
** अक्टूबर 2015 : महाराष्ट्र सरकार ने पांच आरोपियों को फांसी की सजा की पुष्टि के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील दायर की। सभी 12 दोषियों ने सजा और दोषसिद्धि के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की।
** 2015–2024 : अपीलें विभिन्न पीठों के समक्ष लंबित।
** जून 2024 : फांसी की सजा पाए आरोपी एहतेशाम सिद्दीक़ी ने उच्च न्यायालय में अपीलों की शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन दायर किया।
** जुलाई 2024 : उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति श्याम चंदक की विशेष पीठ गठित की।
** 15 जुलाई, 2024 : विशेष पीठ ने रोजाना आधार पर अपीलों की सुनवाई शुरू की।
** 31 जनवरी, 2025 : उच्च न्यायालय ने अपीलों पर सुनवाई पूरी कर आदेश के लिए मामला सुरक्षित रखा।
21 जुलाई, 2025 : धमाकों के 19 साल बाद बंबई उच्च न्यायालय ने सभी 12 आरोपियों को बरी किया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित करने में पूरी तरह विफल रहा और यह मानना कठिन है कि आरोपियों ने अपराध किया।
भाषा मनीषा माधव
माधव