नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को ‘‘देश के लिए अपमानजनक’’ बताया, जिसमें उन्होंने कहा है कि मई में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम उन्होंने कराया था। खरगे ने इस पर सरकार से स्पष्ट बयान की मांग की।
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान खरगे ने यह मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जवाब देने की मांग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी परिस्थितियों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री की ओर से स्पष्टीकरण मांगा है।
सदन में इस मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा भी किया जिसके कारण कार्यवाही 11 बज कर 46 मिनट से दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोपहर 12 बजे प्रश्नकाल के लिए सदन के पुनः शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों ने अपनी मांग को लेकर हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट कर गए।
खरगे ने कहा, ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 24 बार कहा है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। यह देश के लिए अपमानजनक है। सरकार को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।’’
खरगे ने आरोप लगाया कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद आज तक हमलावरों को पकड़ा नहीं जा सका है और न ही मारा गया है। उन्होंने कहा कि खुद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस हमले में सुरक्षा चूक की बात स्वीकार की है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए सभी दलों ने सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में हम सरकार से जानना चाहते हैं कि पूरी स्थिति क्या है?’’
उन्होंने मांग की कि पहलगाम हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’, सुरक्षा में चूक और विदेश नीति पर दो दिवसीय चर्चा होनी चाहिए।
खरगे ने यह भी दावा किया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस), उप सेना प्रमुख और एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कुछ खुलासे किए हैं, जिन पर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार को युद्धविराम कराने के ट्रंप के दावे पर स्थिति साफ करना चाहिए क्योंकि यह देश के लिए ‘अपमानजनक’ है।
राज्यसभा में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने नियम 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस देकर दिन का निर्धारित कामकाज स्थगित कर इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी।
खरगे की मांग पर सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जे. पी. नड्डा ने कहा कि सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है और वह किसी भी बहस से पीछे नहीं हट रही है।
सभापति जगदीप धनखड़ ने भी आश्वस्त किया कि इस मुद्दे पर सदन में सदस्यों की इच्छानुसार पर्याप्त समय देकर विस्तृत चर्चा कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि वह विभिन्न दलों के नेताओं से इस पर बातचीत करेंगे।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
तीनों सेनाओं के समन्वित अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उद्देश्य नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के भीतर आतंकी ढांचे को पेशेवर तरीके और उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई से खत्म करना था। 10 मई को युद्धविराम की घोषणा की गई थी।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले कुछ हफ्तों में कई बार यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बीते मई महीने में सैन्य संघर्ष को व्यापार समझौते के जरिए सुलझाया।
दूसरी तरफ भारत का कहना है कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के संपर्क किए जाने के बाद सैन्य कार्रवाई रोकने पर विचार किया गया।
भाषा मनीषा माधव
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