लंदन, 22 जुलाई (एपी) ब्रिटेन, जापान और कई यूरोपीय देशों समेत 28 देशों ने सोमवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि गाजा में युद्ध ‘‘अब समाप्त होना चाहिए’’ और इजराइल को अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए।
इन देशों में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा भी शामिल हैं।
इन देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि ‘‘गाजा में नागरिकों की पीड़ा नये स्तर तक पहुंच गई है।’’
उन्होंने ‘‘पानी और भोजन की बुनियादी जरूरतें हासिल करने की कोशिश कर रहे बच्चों और नागरिकों के लिए सहायता की धीमी आपूर्ति और उनकी अमानवीय हत्या की निंदा की।’’
इन देशों के विदेश मंत्रियों ने एक बयान में कहा, ‘‘इजराइल सरकार का सहायता वितरण मॉडल खतरनाक है, अस्थिरता को बढ़ावा देता है और गाजावासियों को मानवीय सम्मान से वंचित करता है।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘इजराइल सरकार का असैन्य आबादी को आवश्यक मानवीय सहायता देने से इनकार करना अस्वीकार्य है। इजराइल को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए।’’
अमेरिका और जर्मनी ने इस बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए।
हस्ताक्षरकर्ताओं ने तत्काल युद्ध-विराम का आह्वान किया और कहा कि वे क्षेत्र में शांति लाने के लिए राजनीतिक मार्ग का समर्थन करने के वास्ते कदम उठाने को तैयार हैं।
इजराइल और अमेरिका ने आलोचना को खारिज किया है।
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने इस बयान को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसका ‘‘वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है और यह हमास को गलत संदेश देता है।’’
इजराइल में अमेरिका के राजदूत माइक हुकाबी ने भी अपने देश के कई निकटतम सहयोगियों के बयान को खारिज कर दिया। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक ‘पोस्ट’ में इस बयान को ‘‘घृणित’’ कहा। उन्होंने कहा कि देशों को ‘‘हमास के बर्बर लोगों’’ पर दबाव डालना चाहिए।
गाजा पट्टी की 20 लाख से अधिक की फलस्तीनी आबादी एक भयावह मानवीय संकट से जूझ रही है और अब उस क्षेत्र में आने वाली सीमित सहायता पर मुख्य रूप से निर्भर है। बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हो चुके हैं।
हमास ने सात अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल पर हमला कर दिया था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 अन्य लोगों को बंधक बना लिया गया था। गाजा में इजराइल के 50 बंधक अब भी हमास के कब्जे में हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें से आधे से भी कम जीवित हैं।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के सैन्य हमले में 59,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। मंत्रालय का कहना है कि मृतकों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं।
एपी सिम्मी सुरभि
सुरभि