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Friday, July 18, 2025

भारत-यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौते के जल्द निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद: फ्रांसीसी मंत्री

Newsभारत-यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौते के जल्द निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद: फ्रांसीसी मंत्री

पेरिस, तीन जून (भाषा) फ्रांस ने मंगलवार को उम्मीद जतायी कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) आने वाले हफ्तों या महीनों में पूरा हो जाएगा।

फ्रांस के विदेश व्यापार मंत्री लॉरेंट सेंट-मार्टिन ने कहा कि दुनिया को यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि दोनों पक्ष मुक्त व्यापार में विश्वास करते हैं, न कि व्यापार युद्ध में।

उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा क्षेत्र भारत-फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों में सफलता की कहानियों में से एक है। मंत्री ने कहा, ‘‘तो आइए, इस रक्षा क्षेत्र को अन्य क्षेत्रों के लिए एक उदाहरण बनाएं।’’

मार्टिन ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम आने वाले हफ्तों, महीनों में एक समझौता कर सकते हैं, क्योंकि हमें दुनिया को यह दिखाना है कि हम व्यापार में मुक्त व्यापार में विश्वास करते हैं, न कि व्यापार युद्ध में।’’

यूरोपीय संघ फ्रांस और जर्मनी सहित 27 देशों का समूह है।

गोयल यहां आधिकारिक यात्रा पर हैं। उनकी अगुवाई में 50 से अधिक सदस्यों वाला व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल यहां आया हुआ है।

उन्होंने कहा कि व्यापार के मोर्चे पर वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच दोनों पक्षों की कंपनियों के प्रमुखों की बैठक महत्वपूर्ण है।

गोयल ने कहा, ‘‘यह बैठक हमारे लिए बहुत मायने रखती है, क्योंकि हम वैश्विक व्यापार के मामले में बहुत ही मुश्किल समय में रह रहे हैं। भारत और फ्रांस दोनों यह मानते हैं कि हमें अपने संबंधों को मजबूत करना है। भारत और फ्रांस दोनों को आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाना है।’’

मार्टिन ने कहा, ‘‘भारत हमारी प्राथमिकताओं में से एक है और मुझे पता है कि यूरोपीय आयोग वास्तव में समझौते के लिए बातचीत को तेज करना चाहता है।’’

उन्होंने कहा कि फ्रांस शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करना चाहता है।

मार्टिन ने कहा, ‘‘दूसरी ओर, हमें अपने कृषि क्षेत्र का भी ध्यान रखना होगा तथा पर्यावरण के संदर्भ में हमारे कुछ मानदंडों का भी ध्यान रखना होगा। साथ ही स्वच्छता मानदंडों का भी ध्यान रखना होगा तथा अंत में किसी समझौते पर सहमति बननी चाहिए। दोनों पक्षों को एक-दूसरे की चिंताओं और जरूरतों को समझना होगा।’’

उन्होंने कहा कि यूरोप और भारत के बीच व्यापार संबंध अपनी क्षमता तक नहीं पहुंच पाये हैं तथा दोनों पक्षों को निर्यात और निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

भाषा रमण अजय

अजय

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