नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) भारत ने वाहन कलपुर्जों पर अमेरिका में शुल्क लगाने को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के रक्षोपाय समझौते के तहत मंगलवार को अमेरिका के साथ परामर्श की मांग रखी।
भारत ने यह कदम इस्पात एवं एल्युमीनियम पर अमेरिकी शुल्क के जवाब में चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने का अधिकार सुरक्षित रखने के तुरंत बाद उठाया है।
भारत की तरफ से डब्ल्यूटीओ को भेजे गए एक पत्र के मुताबिक, अमेरिका ने 26 मार्च, 2025 को यात्री वाहनों और हल्के ट्रक के आयात पर और भारत में बने वाहन कलपुर्जों के आयात पर 25 प्रतिशत की शुल्क वृद्धि के रूप में एक सुरक्षा उपाय अपनाया।
वाहन कलपुर्जों पर यह उपाय तीन मई, 2025 से और असीमित अवधि के लिए लागू होने की बात कही गई थी।
इस पत्र के मुताबिक, ‘‘भारत का मानना है कि यह उपाय अपने डिजाइन और प्रभाव में गैट (व्यापार और सीमाशुल्क संबंधी सामान्य समझौता) 1994 और सुरक्षा उपायों पर समझौते के संदर्भ में एक रक्षोपाय उपाय है, क्योंकि इसका उद्देश्य अमेरिकी घरेलू उद्योग को बढ़ते आयात से बचाना है।’’
इस पत्र में कहा गया है कि सुरक्षा उपायों पर डब्ल्यूटीओ समिति को सूचित करने में अमेरिका नाकाम रहा।
इसमें कहा गया, ‘‘ऐसी स्थिति में संबंधित उत्पादों में अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण निर्यात हित वाले एक प्रभावित सदस्य के रूप में भारत अमेरिका के साथ परामर्श का अनुरोध करता है।’’
इस परामर्श के दौरान भारत रक्षोपाय पर विचारों का आदान-प्रदान करना चाहेगा। भारत ने इस अनुरोध पर अमेरिका से शीघ्र जवाब पाने और परामर्श के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि और स्थान निर्धारित करने की उम्मीद जताई है।
भारत डब्ल्यूटीओ के गठन संबंधी समझौते के तहत अपने सभी अधिकार सुरक्षित रखता है।
पिछले साल अमेरिका ने वैश्विक स्तर पर 89 अरब डॉलर के वाहन कलपुर्जों का आयात किया था जिसमें भारत का हिस्सा 2.2 अरब डॉलर का था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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