28.6 C
Jaipur
Thursday, August 14, 2025

ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप की दवाओं की भारी कमी: अध्ययन

Newsग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप की दवाओं की भारी कमी: अध्ययन

नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से अन्य संस्थानों के साथ मिलकर किए गए एक संयुक्त सर्वेक्षण में खुलासा किया गया कि सात राज्यों के 19 जिलों में उप-केंद्रों से लेकर उप-जिला अस्पतालों तक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाओं की भारी कमी है।

अध्ययन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्तर पर विशेषज्ञों की कमी भी पाई गई है और ये निष्कर्ष 2020-21 की ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी रिपोर्ट के समान हैं जिसमें सीएचसी-स्तर पर चिकित्सकों (82.2 प्रतिशत) और सर्जनों (83.2.9 प्रतिशत) की कमी को दिखाया गया था।

‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर)’ में प्रकाशित अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि जन स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), जिला अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेज में मधुमेह और उच्च रक्तचाप के उपचार के प्रबंधन बेहतर हैं।

सभी केंद्रों में उपकरणों की स्थिति तो बेहतर थी लेकिन दवाओं की उपलब्धता की स्थिति निराशाजनक पाई गई। हालांकि, तृतीयक देखभाल सुविधाओं (सरकारी और निजी) में सभी दवाओं की उपलब्धता अन्य स्तरों की स्वास्थ्य केंद्रों की तुलना में बेहतर थी।

सात राज्यों के 19 जिलों में स्वास्थ्य केंद्रों का एक ‘क्रॉस-सेक्शनल’ सर्वेक्षण किया गया जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों स्वास्थ्य केंद्रों का मूल्यांकन किया गया।

‘क्रॉस-सेक्शनल’ सर्वेक्षण अवलोकन संबंधी अध्ययन हैं जो एक ही समय में आबादी से आंकड़ा का विश्लेषण करते हैं।

मूल्यांकन के लिए भारतीय जन स्वास्थ्य मानकों और अन्य प्रासंगिक दिशानिर्देशों का उपयोग किया गया।

अध्ययन में कहा गया, ‘‘अधिकांश सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों ने मधुमेह और उच्च रक्तचाप के उपचार के लिए जरूरी दवाओं के स्टॉक में नहीं होने की सूचना दी। मूल्यांकन किए गए स्वास्थ्य केंद्रों में से लगभग एक-तिहाई यानी 35.2 प्रतिशत ने टैबलेट मेटफॉर्मिन के न होने की सूचना दी और लगभग आधे से थोड़े कम यानी 44.8 प्रतिशत ने टैबलेट एम्लोडिपिन न होने की सूचना दी।’’

ये दवाएं एक से सात महीने से उपलब्ध नहीं थी।

भाषा

खारी माधव

माधव

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles