जयपुर, 22 जुलाई (भाषा) जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद उनके एक रिश्तेदार और वकील प्रवीण बलवदा ने मंगलवार को कहा कि धनखड़ कभी दबाव में नहीं आए और उन्होंने परिवार की बात मानते हुए संभवतः स्वास्थ्य कारणों से ही यह फैसला किया है।
बलवदा ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा,‘‘राजनीतिक दबाव और इस तरह की कभी कोई बात रही नहीं। उन्होंने कभी किसी चीज का दबाव लिया ही नहीं। मैं उन्हें कॉलेज के दिनों से जानता हूं। मैंने उन्हें कभी दबाव में नहीं देखा।’’
बलवदा, धनखड़ की पत्नी के भाई हैं। उन्होंने कहा कि धनखड़ कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत से जूझ रहे थे।
बलवदा ने धनखड़ के बारे में कहा,‘‘उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत बहुत गंभीरता से काफी लंबे समय से थी। थोड़ी लापरवाही मान लीजिए। मार्च में उनके ‘स्टेंट’ डले थे। उसके बाद लगातार उन्हें निम्न रक्तदाब की लगातार दिक्कत आ रही थी।’’
उन्होंने कहा कि इस दौरान धनखड़ को कई बार चक्कर आने जैसी दिक्कतें भी आईं।
उन्होंने कहा,‘‘मेरा मानना है कि स्वास्थ्य ज्यादा महत्व रखता है। वह (धनखड़) वैसे भी ज्यादा कामकाजी हैं इसलिए उन्हें लगा होगा कि वह अपने काम तथा स्वास्थ्य, दोनों के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे। यह भी (इस्तीफे का) बड़ा कारण रहा होगा।’’
बलवदा ने कहा कि जब धनखड़ को राज्यपाल बनाया गया था तब भी उनकी राज्यपाल बनने की बहुत ज्यादा इच्छा नहीं थी तथा वह सदा से ही अपने पेशे (वकालत) के लिए काम करना चाहते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मानिए कि अब परिवार की बात उन्होंने मान ली है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस नेताओं ने धनखड़ के इस्तीफे की वजह पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि वह दबाव में काम कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि धनखड़ ने इस्तीफे के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन लोगों को यह सच नहीं लग रहा है।
भाषा पृथ्वी
राजकुमार
राजकुमार