26.2 C
Jaipur
Wednesday, July 23, 2025

अंतरिक्ष से धरती एक दिखती है, कोई सीमा नहीं: शुभांशु का उद्धरण एनसीईआरटी की नयी पुस्तक में शामिल

Newsअंतरिक्ष से धरती एक दिखती है, कोई सीमा नहीं: शुभांशु का उद्धरण एनसीईआरटी की नयी पुस्तक में शामिल

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय शुभांशु शुक्ला को हाल ही में प्रकाशित एनसीईआरटी की कक्षा पांच की ‘पर्यावरण अध्ययन’ से जुड़ी नयी पाठ्यपुस्तक में स्थान दिया गया है।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की इस पुस्तक में अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखने के बारे में उनके प्रेरित करने वाले कथन को शामिल किया गया है।

पंद्रह जुलाई को आईएसएस पर 18-दिवसीय मिशन पूरा करने वाले शुक्ला ने बताया कि अंतरिक्ष से उन्हें पृथ्वी कैसी दिखाई दी।

‘हमारा अद्भुत विश्व’ शीर्षक वाली पुस्तक के ‘पृथ्वी, हमारा साझा घर’ नामक अध्याय के अंतर्गत उनके कथन को उद्धृत किया गया है। शुभांशु का कथन है, ‘‘पृथ्वी को बाहर से देखने के बाद, मन में पहला विचार यह आया कि पृथ्वी पूरी तरह से एक दिखती है; बाहर से कोई सीमा दिखाई नहीं देती। ऐसा लगता है कि कोई सीमा नहीं है, कोई राज्य नहीं है, कोई देश नहीं है। हम सभी मानवता का हिस्सा हैं, और पृथ्वी हमारा एक घर है, और हम सभी इसमें हैं।’’

यह उद्धरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी बातचीत का हिस्सा था और अब इसका उद्देश्य युवा मन को सीमाओं से परे सोचने और एकता को अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

भारतीय वायुसेना के 39 पायलट ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। एक्सिओम-4 मिशन के तहत यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान थी, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) द्वारा समर्थन प्राप्त था।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के ढांचे के तहत तैयार की गई यह पाठ्यपुस्तक, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन को समाहित करने वाले एक नए एकीकृत शिक्षण दृष्टिकोण का हिस्सा है।

‘हमारे आसपास की दुनिया’ श्रृंखला का हिस्सा इस पुस्तक का उद्देश्य युवा शिक्षार्थियों में अवलोकन, नैतिक तर्क और पर्यावरण जागरूकता विकसित करना है।

भाषा संतोष नेत्रपाल

नेत्रपाल

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles