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Wednesday, July 23, 2025

बिहार एसआईआर: 52 लाख से अधिक मतदाता अपने पते पर नहीं मिले; अब तक 18 लाख की पहचान मृत के रूप में हुई

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नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) बिहार में चुनाव अधिकारियों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत घर-घर जाकर जांच करने पर पाया कि 52 लाख से अधिक मतदाता अब अपने बताए गए पते पर नहीं रहते, जबकि 18 लाख मतदाताओं की मौत हो चुकी है।

निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को बताया कि 26 लाख मतदाता दूसरे निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर रहने लगे हैं, जबकि अन्य सात लाख ने दो जगहों पर पंजीकरण करा रखा है।

बिहार के चुनाव अधिकारियों ने उन 21.36 लाख मतदाताओं की विस्तृत सूची साझा की है, जिनके गणना फॉर्म अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं। इसके अलावा, उन्होंने लगभग 52.30 लाख ऐसे मतदाताओं की भी सूची साझा की है, जिनकी या तो मौत हो चुकी है या वे स्थायी रूप से कहीं और जाकर रहने लगे हैं या फिर उन्होंने एक से अधिक जगहों पर अपना नाम पंजीकृत करा रखा है।

अधिकारियों के मुताबिक, मतदाताओं के पास मसौदा मतदाता सूची में किसी भी तरह के संशोधन पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक अगस्त (जब मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी) से एक सितंबर तक, पूरे एक महीने का समय होगा।

उन्होंने कहा कि जिन 12 राजनीतिक दलों को उन मतदाताओं की सूची दी गई है, जिनकी या तो मौत हो चुकी है या वे स्थायी रूप से कहीं और जाकर रहने लगे हैं या फिर उन्होंने एक से अधिक जगहों पर अपना नाम पंजीकृत करा रखा है, उन्हें पता चल जाएगा कि ऐसे नामों को मसौदा सूची में क्यों शामिल नहीं किया जाएगा।

अधिकारियों के अनुसार, राजनीतिक दलों से ऐसे मतदाताओं से संपर्क करने को कहा गया है, ताकि वे मसौदा मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए राज्य के चुनाव अधिकारियों का रुख कर सकें।

उन्होंने बताया कि अंतिम सूची 30 सितंबर को दावे और आपत्ति प्रक्रिया के बाद प्रकाशित की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पात्र नागरिक सूची से बाहर न रह जाए और कोई भी अपात्र नागरिक सूची में शामिल न हो।

भाषा पारुल प्रशांत

प्रशांत

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