लखनऊ, 23 जुलाई (भाषा) श्रावण मास में निकाली जाने वाली कांवड़ यात्रा अपने आखिरी पड़ाव पर है। इस बार उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वार्षिक तीर्थयात्रा को निर्बाध और सुरक्षित रूप से जारी रखने के लिए एक व्यापक और तकनीक से संचालित आध्यात्मिक प्रक्रिया में बदलने का प्रयास शुरू किया है।
कांवड़ यात्रा रूपी आध्यात्मिक सफर के लिये इस साल की व्यवस्थाएं प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के बाद से किसी धार्मिक आयोजन में तकनीक और मानव शक्ति के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल को दर्शाती हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने महीने भर चलने वाली इस तीर्थयात्रा को ‘सेवा और सुरक्षा’ के एक समन्वित मॉडल में बदला है जिसमें डिजिटल निगरानी, यातायात नियंत्रण, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों का बेहतरीन तालमेल दिख रहा है।
हर साल पवित्र श्रावण मास के दौरान आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा में लाखों कांवड़िये शिव भक्त गंगा से पवित्र जल इकट्ठा करने और स्थानीय शिव मंदिरों में चढ़ाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं।
यह आयोजन भारत की सनातन परंपराओं में गहराई से निहित आस्था और धैर्य का एक अद्भुत संगम है। बुधवार को श्रावण मास की शिवरात्रि के साथ यात्रा अपने चरम पर पहुंच गई है। हालांकि श्रद्धालु इस पावन हिंदू माह के समापन तक शिव मंदिरों में दर्शन करते रहेंगे।
अधिकारियों के अनुसार इस वर्ष की विस्तृत योजना में 29,000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे, 395 उच्च तकनीक वाले ड्रोन, 587 अधिकारी, 13,520 उप-निरीक्षक और लगभग 40,000 सिपाही तैनात किए गये। श्रद्धालुओं या नागरिकों की किसी भी समस्या का त्वरित समाधान करने के लिए एक समर्पित सोशल मीडिया निगरानी प्रकोष्ठ भी गठित किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”कांवड़ यात्रा जारी है। मजदूर वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक हर व्यक्ति इस अभियान से जुड़ा है। यह एकता का अद्भुत संगम है। इसमें कोई भेदभाव नहीं है। जाति, क्षेत्र, वर्ग, आस्था या समुदाय का कोई भेद नहीं है। सभी चलते हुए ‘हर-हर बम-बम’ का जाप करते हैं। वे 300-400 किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं, पवित्र जल अपने कंधों पर ढोते हैं और उसी भक्तिभाव के साथ लौटते हैं।”
उन्होंने मेरठ और मुजफ्फरनगर में मार्गों का हवाई सर्वेक्षण भी किया और हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की।
कांवड़ यात्रा पर नजर रखने के लिये आधुनिक नियंत्रण कक्षों और ड्रोन से लेकर एटीएस कर्मी, आरएएफ की टीमें और त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।
श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व है। इस महीने के हर सोमवार को शिवालयों में खासतौर से खासी भीड़ देखी जा रही है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है।
वाराणसी परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक वैभव कृष्ण ने कहा, ”चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर जैसे पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में भी कांवड़ यात्रा के प्रबंधन में तकनीक ने अहम भूमिका निभाई है।”
महाकुंभ के भी पुलिस उप महानिरीक्षक रहे कृष्ण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”हमने इस कांवड़ यात्रा के दौरान भीड़ का पहले से अनुमान लगाने और त्वरित प्रतिक्रिया जैसे विभिन्न पहलुओं को सुव्यवस्थित करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया है।”
मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा, ”सरकार, प्रशासन और पुलिस ने कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। एक ओर, प्रशासन तैयारियों में व्यस्त है, वहीं दूसरी ओर अग्नि सुरक्षा के लिए अग्निशमन कर्मियों को तैनात किया जा रहा है।”
प्रयागराज के पुलिस उपायुक्त कुलदीप सिंह गुनावत ने कहा, ”ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। यातायात प्रबंधन के लिए प्रयागराज से वाराणसी तक के मार्ग को एकल मार्ग घोषित कर दिया गया है। इस मार्ग पर एक गली विशेष रूप से कांवड़ श्रद्धालुओं के लिए निर्धारित है, जबकि अन्य यात्रियों की आवाजाही प्रतिबंधित है।”
तीर्थयात्रा गलियारों में कांवड़ मार्ग चिह्नित किए गए हैं। इसके अलावा सहायता केंद्र और राहत केंद्र स्थापित किए गए हैं। साथ ही भक्तों के स्वागत के लिए स्वागत द्वार स्थापित किए गए हैं। प्रमुख समागम स्थलों पर सेल्फी पॉइंट और स्वच्छता अभियान चलाकर आध्यात्मिक यात्रा को और भी समृद्ध बनाया गया है।
मुजफ्फरनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील तेवतिया ने कहा, ”जहां पर भीड़ ज्यादा होती है वहां पर विशेष व्यवस्था की गई है। कांवड़ियों की मुख्य समस्या पैरों में छाले और दर्द है। इसके लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा हर शिविर में 55 तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं। उनमें सर्प-विष रोधी, एआरवी टीका और दस्त-रोधी दवाएं शामिल हैं। हमारा पूरा स्टाफ इन शिविरों में चौबीसों घंटे मौजूद रहता है।”
सरकार के इन प्रबंधों से कांवड़ियों की यह दुरूह यात्रा आरामदेह बन गयी।
कांवड़ लेकर निकले उमेश कुमार मौर्य ने कहा, ”यहां इतनी बेहतरीन व्यवस्था करने के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं। चाहे आवास की बात हो या अन्य सुविधाओं की सब कुछ बहुत अच्छी तरह से व्यवस्थित किया गया है।”
एक अन्य श्रद्धालु प्रभात ओझा ने कहा, ”इस बार बनारस में कांवड़ियों के लिए जितनी भव्य व्यवस्था की गई है, उतनी पहले कभी नहीं देखी गई। यह सब योगी जी की दूरदर्शिता और दृढ़ संकल्प से संभव हुआ है।”
भाषा
सलीम, रवि कांत रवि कांत