जयपुर, 26 जुलाई (भाषा) राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ के पिपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे पर शोक जताते हुए कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी पहले कार्रवाई करते तो यह हादसा नहीं होता।
वसुंधरा राजे ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी राज्य के ऐसे जर्जर भवन वाले विद्यालयों को पहले ही चिह्नित कर लेते और बच्चों को अन्यत्र किसी सुरक्षित भवन में स्थानांतरित कर देते तो यह हादसा नहीं होता।
शुक्रवार को सरकारी स्कूल की इमारत का एक हिस्सा ढहने से सात बच्चों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हो गए। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
इस हादसे के बाद मौजूदा विधायक राजे ने अपने बेटे एवं सांसद दुष्यंत सिंह के साथ अस्पताल में घायल स्कूली बच्चों से मुलाकात की और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहुत ही दर्दनाक घटना है। हमारे परिवार के सात स्कूली बच्चों को भगवान ने हमसे छीन लिया। इस हादसे में 28 बच्चे घायल हो गए। जैसे ही मुझे इस घटना की जानकारी मिली। मुझे बहुत आघात लगा। मैं तथा झालावाड़-बारां के सांसद दुष्यंत सिंह तत्काल दिल्ली से यहां के लिए रवाना हो गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा विभाग प्रदेश के सभी विद्यालयों का सर्वे करवाए। जहां भी स्कूल जर्जर अवस्था में हैं, ऐसे विद्यालयों से बच्चों को अन्यत्र सुरक्षित भवन में स्थानांतरित करे। ऐसे विद्यालयों को गिरा कर नये भवन बनवायें, ताकि बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं हो।’’
राजे ने कहा, ‘‘यदि शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रदेश के ऐसे विद्यालयों को पहले ही चिन्हित कर लेते और बच्चों को अन्यत्र किसी सुरक्षित भवन में स्थानांतरित कर देते तो हमारे ये बच्चे काल का ग्रास नहीं बनते।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से बच्चों और अभिभावकों में भय का वातावरण बनता है।
इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखने और इस हृदय विदारक घटना को लेकर कोई राजनीति नहीं करने की अपील की। उन्होंने प्रभावित परिवारों की मदद किये जाने का आह्वान किया।
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