बीजिंग, 26 जुलाई (एपी) चीन की निर्यात पर अत्यधिक निर्भरता इस सप्ताह स्टॉकहोम में होने वाली अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता के नए दौर का केंद्रबिंदु होगी। हालांकि, व्यापार समझौता बीजिंग को अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्संतुलित करने में जरूरी तौर पर मदद नहीं करेगा।
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने उम्मीद जताई है कि वार्ता में इस मुद्दे के साथ-साथ रूस और ईरान से चीन द्वारा तेल की खरीद पर भी चर्चा हो सकती है, जिससे उन दोनों देशों पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों का असर कम हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस हफ़्ते जापान, इंडोनेशिया और फिलीपींस के साथ समझौतों की घोषणा के बाद वार्ता में सफलता की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
अमेरिका चाहता है कि चीन दो काम करे: अमेरिका और यूरोपीय संघ, दोनों ही इस्पात और इलेक्ट्रिक वाहनों सहित कई उद्योगों में, जिसे अतिरिक्त उत्पादन क्षमता मानते हैं, चीन उसे कम करे। और दूसरा, चीनी उपभोक्ताओं द्वारा खर्च बढ़ाने के लिए कदम उठाए ताकि अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर ज़्यादा और निर्यात पर कम निर्भर हो।
बेसेंट ने वित्तीय समाचार नेटवर्क सीएनबीसी को बताया, “हम इस मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं कि चीन को किस तरह का बड़ा पुनर्संतुलन करना होगा।”
उन्होंने कहा कि वैश्विक विनिर्माण निर्यात में चीन की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत है, जो ‘और ज़्यादा नहीं बढ़ सकती, और शायद कम होनी चाहिए।’
चीन भी घरेलू कारणों से इन्हीं मुद्दों से जूझ रहा है। ये मुद्दे नए नहीं हैं, और चीन, अमेरिका और अन्य देशों के साथ अपने व्यापार अधिशेष को कम करने के बजाय घरेलू कारणों से वर्षों से इनसे निपटने के लिए काम कर रहा है।
बेसेंट की पूर्ववर्ती, वित्त मंत्री, जेनेट येलेन ने पिछले साल चीन की अपनी यात्रा में औद्योगिक नीति को केंद्र में रखा था। उन्होंने वैश्विक बाजार में ‘कृत्रिम रूप से सस्ते चीनी उत्पादों’ की बाढ़ के लिए सरकारी सब्सिडी को जिम्मेदार ठहराया था।
एपी अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय