रायपुर, 26 जुलाई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने शनिवार को कहा कि केंद्र और छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने प्रतिद्वंद्वियों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है और विपक्ष की आवाज दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
पायलट ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसे कदमों से नहीं डरेगी और इनके खिलाफ लड़ेगी।
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से मुलाकात के बाद रायपुर केंद्रीय जेल के बाहर संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
चैतन्य बघेल कथित शराब घोटाले के मामले में पिछले सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद से जेल में बंद हैं।
पायलट ने कहा, ‘‘मैंने आज चैतन्य बघेल से मुलाकात की। हम लंबे समय से बार-बार कह रहे हैं कि भाजपा और उसकी केंद्र तथा राज्य सरकार अपने प्रतिद्वंद्वियों को लगातार डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं और अब पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के बेटे के खिलाफ कार्रवाई से साबित होता है कि केंद्र और राज्य की जांच एजेंसियां भाजपा के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमें न्यायपालिका और न्यायालय पर पूरा भरोसा है। सच्चाई सामने आएगी। भूपेश बघेल जी ने भी कहा है कि वे न्यायिक प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे।”
उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई इस इरादे को दर्शाती है कि ईडी, सीबीआई और आयकर एजेंसियों का इस्तेमाल भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों खासकर कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है।
पायलट ने कहा कि इससे पहले भी विधायक कवासी लखमा और देवेंद्र यादव समेत कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) कांग्रेस नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
पायलट ने कहा, ‘‘उन्होंने ईडी के जरिए सोनिया गांधी जी, राहुल जी और अन्य नेताओं को दोषी साबित करने की नाकाम कोशिश की। वे अलग-अलग राज्यों में ऐसा कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में यह साबित हो गया है कि वे हर मोड़ पर एजेंसियों का इस्तेमाल करके मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि जो कोई भी भ्रष्टाचार, कुशासन और उद्योगपतियों की जेबें भरने वाली सरकार के खिलाफ आवाज उठाएगा, उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पायलट ने कहा कि उनकी पार्टी डरने वाली नहीं है और राजनीतिक संघर्ष जारी रहेगा।
प्रवर्तन निदेशालय ने पहले एक बयान में कहा था कि चैतन्य ने राज्य में शराब ‘घोटाले’ से उत्पन्न एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की ‘आय’ को संभाला और 16.7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपनी रियल एस्टेट परियोजना के विकास पर खर्च किये।
ईडी के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच किया गया था जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था।
ईडी ने कहा है कि कथित घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबें 2,100 करोड़ रुपये से अधिक भर गईं।
ईडी ने इस मामले में अपनी जांच के तहत जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा अनवर ढेबर, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।
भाषा संजीव नेत्रपाल संतोष
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