जालना, 26 जुलाई (भाषा) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर इन अटकलों को लेकर निशाना साधा कि राकांपा नेता धनंजय मुंडे की राज्य मंत्रिमंडल में वापसी हो सकती है।
पवार ने शुक्रवार को पुणे में पत्रकारों से कहा था कि अगर मुंडे अपने खिलाफ चल रही ‘जांच’ में बरी हो जाते हैं, तो उन्हें एक ‘मौका’ दिया जाएगा।
हालांकि, पवार ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि जिस जांच की वह बात कर रहे थे, वह बीड सरपंच हत्याकांड से संबंधित है। इस हत्याकांड के बाद राकांपा विधायक मुंडे को फडणवीस सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था।
बीड के मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख का पिछले साल नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया था, उन्हें प्रताड़ित किया गया था और उनकी हत्या कर दी गयी थी, क्योंकि उन्होंने वहां एक पवनचक्की परियोजना का संचालन कर रही एक कंपनी से जबरन वसूली का विरोध किया था। इस मामले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था।
इस मामले में धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष और यहां तक कि सत्तारूढ़ महायुति के कुछ नेताओं ने भी परली से विधायक मुंडे को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की जबर्दस्त मांग की थी। मुंडे ने इसी साल चार मार्च को इस्तीफा दे दिया था।
जरांगे ने यहां अंतरवाली सराटी गांव में संवाददाताओं से कहा कि राज्य नेतृत्व हिंसा का महिमामंडन कर रहा है और ऐसे लोगों को मंत्री पद से पुरस्कृत कर रहा है।
इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए जरांगे ने महादेव मुंडे की हत्या का भी जिक्र किया।
परली निवासी महादेव मुंडे का 19 अक्टूबर, 2023 को अपहरण कर लिया गया था और तीन दिन बाद उनका शव मिला था। अपराधियों की गिरफ्तारी में देरी के विरोध में उनकी पत्नी ने पिछले हफ्ते बीड पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में जहर खा लिया।
जरांगे ने कहा, ‘‘महादेव मुंडे के परिवार को सांत्वना देने के बजाय, सरकार धनंजय मुंडे को पुरस्कृत कर रही है। अगर राज्य सरकार इसी तरह काम करती रही, तो महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था नहीं बचेगी।’’
भाषा राजकुमार दिलीप
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