कोलकाता, 26 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार को अपराजिता विधेयक वापस भेजने के एक दिन बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार को कहा कि वह चाहते हैं कि राज्य सरकार इस विधेयक पर केंद्र की आपत्तियों का जवाब दे।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने यह भी कहा कि विधेयक अपने संदर्भ और विषय-वस्तु के लिहाज से बड़ा है, इसलिए राष्ट्रपति द्वारा इस पर विचार किए जाने की आवश्यकता है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने नौ अगस्त, 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले के लगभग एक महीने बाद अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया था।
उन्होंने कहा, ‘अपराजिता विधेयक अपने संदर्भ और विषयवस्तु में व्यापक था। इसलिए, मैंने सोचा कि इस पर भारत के राष्ट्रपति की राय ली जानी चाहिए। अब, भारत सरकार ने कुछ प्रश्न उठाए हैं, जिनका उत्तर देने के लिए मैंने राज्य सरकार से कहा है। मैं चाहता हूं कि राज्य सरकार इसमें पूरी तरह सहयोग करे।’
भाषा योगेश रंजन
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