जम्मू, 27 जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के राज्य अन्वेषण एजेंसी (एसआईए) ने पिछले साल अगस्त में जम्मू और पंजाब में 46 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती से जुड़े नार्को-आतंकवाद मामले में पहला आरोपपत्र दाखिल किया जिसमें पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की भूमिका का भी खुलासा किया गया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
पिछले साल नौ अगस्त को खुफिया जानकारी के आधार पर जम्मू के बस स्टैंड क्षेत्र से 33.580 किलोग्राम से अधिक हेरोइन जब्त कर पंजाब के तरनतारन निवासी सरताज सिंह की गिरफ्तारी के बाद यह मामला प्रकाश में आया था।
त्वरित जांच के बाद दूसरे आरोपी अमृतपाल सिंह उर्फ फौजी की पहचान हुई जो पहले तो एक अन्य खेप लेकर घटनास्थल से फरार हो गया था लेकिन बाद में उसे पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 12.626 किलोग्राम अतिरिक्त हेरोइन बरामद हुई।
मामले में आतंकी संबंध के कारण मामला एसआईए जम्मू को स्थानांतरित कर दिया गया और स्वापक ओषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की गई।
अधिकारी ने बताया कि एसआईए ने मामले में सक्षम अदालत के समक्ष अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया। उन्होंने कहा, ‘‘जांच में अमृतपाल सिंह के लश्कर से जुड़े पाकिस्तान स्थित एक हैंडलर के संपर्क में होने के सबूत मिले जिससे प्रत्यक्ष रूप से नार्को-आतंकवाद का मामला साबित हुआ।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘आरोपपत्र में दोनों आरोपी और अन्य संलिप्त लोगों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम और यूएपीए के तहत गंभीर अपराधों की पुष्टि की गई है।’’
भाषा शुभम खारी
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