चेन्नई, 27 जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक को चालू वित्त वर्ष के दौरान 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनोद कुमार ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि चेन्नई स्थित इस बैंक ने अप्रैल-जून 2025 तिमाही के लिए 17.80 प्रतिशत का पूंजी पर्याप्तता अनुपात दर्ज किया है।
कुमार ने पीटीआई-भाषा से एक संक्षिप्त बातचीत में कहा, ”मंजूरी मिल गई है। हमें 5,000 करोड़ रुपये जुटाने हैं… लेकिन, मुझे नहीं लगता कि इसकी तुरंत जरूरत होगी। हमारा 17.8 प्रतिशत पूंजी पर्याप्तता अनुपात है।”
बैंक अपने यूपीआई आधारित भुगतान पर भी बड़ा दांव लगा रहा है, और वह फोनपे, जीपे या पेटीएम की सेवाओं के समान एक इंड-यूपीआई ऐप विकसित कर रहा है।
इस पहल के जरिये बैंक हर साल लगभग 150 करोड़ रुपये बचा सकेगा।
कुमार ने कहा कि बैंक ‘इंड-यूपीआई’ नाम से अपना स्वयं का यूपीआई ऐप विकसित कर रहा है।
इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, ”अभी हमारे ग्राहक दूसरे यूपीआई ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं और हमें (इंडियन बैंक को) उन्हें शुल्क देना पड़ता है। यह मासिक शुल्क लगभग 12 करोड़ रुपये होगा। इंड-यूपीआई भुगतान सुविधा के साथ, ग्राहक हमारे अपने ऐप का इस्तेमाल करके भुगतान कर पाएंगे और इससे हम हर महीने 12 करोड़ रुपये (करीब 150 करोड़ रुपये सालाना) बचा पाएंगे।”
कुमार ने बताया कि इस ऐप का इस्तेमाल फिलहाल बैंक के वरिष्ठ अधिकारी एक सीमित उपयोगकर्ता समूह के रूप में कर रहे हैं, और एनपीसीआई से मंजूरी मिलते ही इसे ग्राहकों के लिए पेश कर दिया जाएगा।
भाषा पाण्डेय
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