इंफाल, 27 जुलाई (भाषा) नृत्यांगना और शोधकर्ता सोहिनी रे का मानना है कि मणिपुरी नृत्य को वह प्रसिद्धि और मान्यता नहीं मिली है जिसकी वह हकदार है। रे स्वयं पांच दशकों से अधिक समय से मणिपुरी शास्त्रीय नृत्य की नृत्यांगना हैं।
पश्चिम बंगाल निवासी और मणिपुरी भाषा में पारंगत रे ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ टेलीफोन पर बातचीत में इस स्थिति के लिए देश के अन्य शास्त्रीय नृत्यों की तुलना में मणिपुरी नृत्य में नेतृत्व की कमी को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुरी शास्त्रीय नृत्य को वह प्रसिद्धि और मान्यता नहीं मिली है जिसकी उसे आवश्यकता है और जिसका वह हकदार है। दुख की बात है कि मैं अन्य राष्ट्रीय शास्त्रीय नृत्यों की तुलना में इस कला रूप में नेतृत्व का अभाव देखती हूं।’’
रे ने कहा, ‘इसके साथ ही, कलाकारों की भाषा संबंधी समस्याओं ने भी राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार-प्रसार में बाधा डाली। मणिपुरी प्रवासी समुदाय अब बहुत मजबूत है, लेकिन किसी कारण से शास्त्रीय नृत्य का उस तरह प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया जैसा होना चाहिए था।’’
रे ने कहा कि फिर भी, इंफाल में छात्र इस कला को आगे बढ़ाने के लिए बहुत उत्सुक हैं और उनके प्रयासों में बहुत ईमानदारी है।
भाषा
धीरज नरेश
नरेश