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Monday, July 28, 2025

ओडिशा के तीन जिलों में बाढ़ जैसे हालात, सरकार ने प्रभावित लोगों को निकालना शुरू किया

Newsओडिशा के तीन जिलों में बाढ़ जैसे हालात, सरकार ने प्रभावित लोगों को निकालना शुरू किया

(तस्वीर के साथ)

भुवनेश्वर, 27 जुलाई (भाषा) ओडिशा के बालासोर, भद्रक और जाजपुर जिलों में उफनती नदियों का पानी निचले इलाकों में घुसने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुवर्णरेखा, वैतरणी और जलका नदियां खतरे के निशान पर या उससे ऊपर बह रही हैं।

जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता चंद्रशेखर पाधी ने पत्रकारों को बताया कि शनिवार देर रात दो बजे वेतरणी नदी 19.09 मीटर पर बह रही थी, जो खतरे के निशान 18.33 मीटर से ऊपर है।

हालांकि, उन्होंने बताया कि रविवार सुबह से ही नदी के जलस्तर में कमी आना शुरू हो गई और यह 18.54 मीटर पर आ गया।

पाधी के मुताबिक, उफनती नदी के कारण भद्रक और जाजपुर जिलों के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।

उन्होंने कहा कि वैतरणी नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने के कारण भद्रक जिले के धामनगर इलाके में बाढ़ का पानी बस्तियों में घुस गया है।

पाधी के अनुसार, इसी तरह मथानी में जलका नदी का जलस्तर 6.67 मीटर था, जबकि खतरे का निशान 6.50 मीटर है, हालांकि, अब पानी का स्तर कम होने लगा है।

उन्होंने बताया कि बालासोर जिले के राजघाट में सुवर्णरेखा नदी 10.2 मीटर पर बह रही थी, जबकि खतरे का निशान 10.36 मीटर है।

पाधी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि रविवार रात तक जलस्तर 11.4 मीटर तक पहुंच सकता है। जलस्तर बढ़ने के कारण बालासोर जिले के भोगारी, बलियापाल, बस्ता और जलेश्वर प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं।’

पाधी ने ओडिशा में किसी बड़ी बाढ़ की आशंका से इनकार किया, क्योंकि राज्य में बारिश की मात्रा में कमी आई है।

उन्होंने बताया कि शनिवार को किसी भी प्रखंड में 50 मिलीमीटर से ज़्यादा बारिश नहीं हुई।

एक बयान में सरकार ने कहा कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है।

बयान में कहा गया है कि जाजपुर, भद्रक और बालासोर के जिलाधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर बाढ़ से प्रभावित लोगों को जल्दी से सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके और राहत कार्य तेजी से किए जा सकें।

बयान के मुताबिक, जल संसाधन विभाग में एक राज्य बाढ़ प्रकोष्ठ चौबीसों घंटे काम कर रहा है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

इसमें कहा गया है कि ज़मीनी स्तर पर स्थिति की निगरानी के लिए स्वर्णरेखा और वैतरणी नदी घाटियों में दो मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों को तैनात किया गया है।

उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने भद्रक जिले में वैतरणी तटबंध के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया, जबकि जाजपुर के जिलाधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने दशरथपुर प्रखंड के नुआपटना में संवेदनशील स्थानों का जायजा लिया।

भाषा योगेश पारुल

पारुल

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