शिमला, 27 जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश को 20 जून को मानसून की दस्तक के बाद से अब तक 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 88 लोगों की मौत हो चुकी है और 35 लापता हैं, जबकि 1,316 घर या तो पूरी तरह से या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
एईओसी के मुताबिक, मानसून के दौरान राज्य में 42 बार अचानक बाढ़, 25 बार बादल फटने और 32 बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।
स्थानीय मौसम विभाग ने रविवार को चार जिलों (कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला) के अलग-अलग इलाकों में मंगलवार के लिए भारी से बहुत भारी बारिश, गरज के साथ छींटे पड़ने और बिजली चमकने की चेतावनी जारी की।
शनिवार शाम को समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। इस दौरान, धर्मशाला में 35 मीलीमीटर, मलरांव में 26.4 मिलीमीटर, कांगड़ा में 26 मिलीमीटर, धौलाकुआं में 17.5 मिलीमीटर, काहू में 14.5 मिलीमीटर, मनाली में 11 मिलीमीटर, जोत में 10.8 मिलीमीटर, जुब्बरहट्टी में 10.4 मिलीमीटर, बजौरा में 10 मिलीमीटर, जोगिंदरनगर में छह मिलीमीटर और नारकंडा में 5.5 मिलीमीटर पानी बसरा।
सुंदरनगर, शिमला, मुरारी देवी और जुब्बड़हट्टी में गरज के साथ बारिश हुई।
बारिश के कारण रविवार शाम को दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित लगभग 200 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं और राज्य भर में 75 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर और 97 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुईं।
अकेले मंडी जिले में मनाली-कोटाली मार्ग (एनएच-70) समेत लगभग 131 सड़कें अवरुद्ध हैं। यहां 30 जून की रात को बादल फटने की कई घटनाओं से तबाही मची थी। कुल्लू जिले में भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग (305) सैंज से औट मार्ग तक केखसू और झेड़ में अवरुद्ध है।
भाषा
शुभम पारुल
पारुल