श्रीनगर, 27 जुलाई (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई ने रविवार को विश्वास जताया कि कश्मीर विश्वविद्यालय ऐसे छात्र तैयार करेगा जो केंद्र शासित प्रदेश और राष्ट्र के विकास में योगदान देंगे।
यहां कश्मीर विश्वविद्यालय के ‘मेगा एलुमनाई मीट 2025’ को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने विश्वविद्यालय से युवा पीढ़ी के लाभ के लिए समृद्ध अनुभव वाले अपने पूर्व छात्रों का इस्तेमाल करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं विश्वविद्यालय और संकाय से युवा पीढ़ी के लिए पूर्व अनुभवी छात्रों का उपयोग करने की अपील करता हूं। वे उनके समृद्ध अनुभव से लाभान्वित हो सकते हैं और भविष्य के लिए एक अच्छा प्रारूप प्राप्त कर सकते हैं।’’
प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कश्मीर विश्वविद्यालय और भी कई छात्र तैयार करेगा जो वास्तव में एक राष्ट्र के रूप में भारत और एक क्षेत्र के रूप में कश्मीर के विकास में भाग लेंगे और योगदान देंगे।
कश्मीर को दुनिया का सच्चा स्वर्ग बताते हुए प्रधान न्यायाधीश गवई ने कहा, ‘‘हम यहां जन्नत में आए हैं।’’
इससे पहले प्रधान न्यायाधीश ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को सम्मानित किया, जिनमें पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे गुलाम नबी आजाद को सम्मानित करते हुए विशेष रूप से खुशी हुई, जिन्होंने मेरे पड़ोसी जिले विदर्भ का प्रतिनिधित्व किया है। इतना ही नहीं, वह मेरे पिता के बहुत अच्छे दोस्त रहे हैं और दोनों ने राज्यसभा और महाराष्ट्र की राजनीति में साथ काम किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे (लोकसभा सांसद) मियां अल्ताफ को भी सम्मानित करते हुए खुशी हुई। हमने अन्य पूर्व छात्रों को भी उनके बहुमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया।’’
भाषा संतोष रंजन
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