नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) भारत निर्वाचन आयोग ने रविवार को कहा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) के आदेश सहित उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना बिहार की मसौदा मतदाता सूची से कोई भी नाम नहीं हटाया जा सकता।
चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए इन आरोपों कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कारण करोड़ों पात्र व्यक्ति दस्तावेजों के अभाव में अपना मताधिकार खो देंगे, इस प्रक्रिया में शामिल उचित प्रक्रिया को रेखांखित किया।
चुनाव आयोग ने कहा कि बिना ‘स्पीकिंग ऑर्डर’ के मसौदा मतदाता सूची से किसी का नाम नहीं हटाया जाएगा।
‘स्पीकिंग ऑर्डर’ एक स्व-व्याख्यात्मक आदेश है जो किसी विशेष निष्कर्ष पर पहुंचने के कारणों का विवरण देता है।
एसआईआर के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची से किसी भी नाम को बिना नोटिस और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी-सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ/एईआरओ) के आदेश के हटाया नहीं जा सकता।
ईआरओ के किसी भी निर्णय से असंतुष्ट कोई भी मतदाता जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपील कर सकता है। राज्य में अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी। बिहार में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
भाषा शोभना रंजन
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