मैनचेस्टर, 27 जुलाई (भाषा) भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के रोमांचक चौथे टेस्ट मैच उस समय नाटकीय मोड़ आ गया जब भारतीय बल्लेबाजों रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के मैच के अंतिम घंटे की शुरुआत से पहले ड्रॉ पर सहमति जताने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
टेस्ट मैच में यह प्रावधान है कि अगर दोनों कप्तानों को लगता है कि मैच का नतीजा आना असंभव है, तो वे हाथ मिलाकर ड्रॉ पर सहमत हो सकते हैं।
मैच को ड्रॉ हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने के बाद जडेजा और सुंदर जब क्रमशः 89 और 80 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे तब उन्होंने स्टोक्स के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इंग्लैंड के कप्तान इसके बाद बेहद नाराज़ हो गए।
इन दोनों बल्लेबाजों ने शतक के करीब होने के कारण बल्लेबाजी जारी रखने का फैसला किया।
स्टोक्स के कुछ कहने के बाद ही जैक क्रॉली और बेन डकेट भी यह पूछते देखे गए कि भारत क्यों खेलना जारी रखना चाहता है।
स्टोक्स ने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, ‘‘क्या आप हैरी ब्रुक के खिलाफ शतक बनाना चाहते हैं?’’ इस पर जडेजा ने बस इतना कहा, ‘मैं कुछ नहीं कर सकता।’’
जडेजा ने इस दौरान मुस्कुराते हुए अपनी शालीनता बनाए रखी। नियमों के मुताबिक भी भारत को बल्लेबाजी जारी रखने का पूरा अधिकार था।
स्टोक्स ने इसके बाद विरोध के तौर पर हैरी ब्रूक को गेंदबाजी आक्रमण पर लगाया और जडेजा ने उन पर छक्का लगाकर अपना पांचवां टेस्ट शतक पूरा किया।
इस दौरान इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने खराब रवैया दिखाते हुए जडेजा और सुंदर को आसान और शॉट गेंद डालना शुरू कर दिया।
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