भोपाल, 28 जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू करने और जाति अधारित जनगणना में पारदर्शिता के मुद्दे पर प्रदर्शन किया।
विधानसभा परिसर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन किया और राज्य सरकार पर ओबीसी वर्ग के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए ‘पल-पल रंग बदलती है, सरकार नहीं यह गिरगिट है’ के नारे लगाए।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के विधायक हाथों में सांकेतिक तौर पर ‘गिरगिट’ की प्रतिकृति लिए हुए थे।
सिंघार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रदेश की भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर गिरगिट की तरह रंग बदल रही है। सरकार की न तो नीति साफ है और न ही नीयत। जनता सब देख रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब उच्चतम न्यायालय जवाब मांगता है, तब सरकार चुप्पी साध लेती है। लेकिन चुनाव आते ही ओबीसी वर्ग को भ्रमित कर उनके वोट बटोरने की राजनीति शुरू हो जाती है।’’
उन्होंने कहा कि जब तक ओबीसी समाज को उनका हक नहीं मिलेगा, कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम हर मंच पर ओबीसी आरक्षण और सामाजिक न्याय के मुद्दे को मजबूती से उठाते रहेंगे। यह लड़ाई सिर्फ आरक्षण की नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और संवैधानिक अधिकारों की है।’’
पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा सरकार समय-समय पर अपना रंग बदलती रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सदन के अंदर सरकार ओबीसी वर्ग की हितैषी होने का दावा करती है लेकिन जब उसका लाभ देने की बात आती है तो उनके हकों को छीनने का काम करती है।’’
मानसून सत्र की शुरुआत आज से हो रही है। बारह दिन तक प्रस्तावित इस सत्र के दौरान 10 बैठकें होनी है।
कांग्रेस ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की लंबे समय से मांग कर रही है।
प्रमुख विपक्षी दल के नेताओं का कहना है कि 1994 में कांग्रेस सरकार ने ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया था और बाद में 2003 में इसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था।
कांग्रेस का आरोप है कि तब से राज्य में भाजपा सत्ता में है और उसने इस फैसले को लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
भाषा ब्रजेन्द्र खारी
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