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Tuesday, July 29, 2025

शीर्ष अदालत ने बिहार में मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन पर रोक लगाने से किया इंकार

Newsशीर्ष अदालत ने बिहार में मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन पर रोक लगाने से किया इंकार

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में कराए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर हमेशा के लिये अंतिम निर्णय लेगी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि वह 29 जुलाई को इस मामले की अंतिम सुनवाई की समय-सारणी तय करेगी।

एक गैर सरकारी संगठन की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि मतदाता सूची को अस्थायी तौर पर अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए और मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन पर अंतरिम रोक लगनी चाहिए।

पीठ ने न्यायालय के पिछले आदेश पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता अंतरिम राहत के लिए अनुरोध नहीं कर रहे थे। पीठ ने कहा कि इसलिए अब ऐसा नहीं किया जा सकता तथा मामले का स्थायी निपटारा किया जाएगा।

उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से कहा कि वह उसके (शीर्ष अदालत के) पहले के आदेश का अनुपालन करते हुए बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के लिए आधार और मतदाता पहचान पत्र को स्वीकार करना जारी रखे। न्यायालय ने कहा कि दोनों दस्तावेजों के प्रामाणिक होने की धारणा है।

न्यायालय ने कहा कि वह प्रारंभिक रूप से शीर्ष अदालत के आदेश से सहमत है और निर्वाचन आयोग ने अपने जवाबी हलफनामे में माना है कि आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड को स्वीकार किये जाने की आवश्यकता है।

पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक राशन कार्ड का सवाल है, तो हम यह कह सकते हैं कि उसकी आसानी से जालसाज़ी की जा सकती है, लेकिन आधार और मतदाता पहचान पत्र की कुछ विश्वसनीयता है और उनके प्रामाणिक होने की धारणा है। आप इन दस्तावेज़ों को स्वीकार करना जारी रखें।’’

भाषा

प्रीति दिलीप

दिलीप

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