भुवनेश्वर, 28 जुलाई (भाषा) ओडिशा के बलांगीर जिले में पुलिस ने सोमवार को एक 28 दिन की नवजात बच्ची को बचाया जिसे उसके माता-पिता ने अत्यधिक गरीबी के कारण कथित तौर पर 20 हजार रुपये के लिए बेच दिया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
टिटलागढ़ के उप-मंडल पुलिस अधिकारी कल्याण बेहरा ने ‘पीटीआई भाषा’ को फोन कॉल पर बताया कि पुलिस ने पड़ोसी बरगढ़ जिले के पैकामल स्थित एक दंपति के घर से शिशु को मुक्त कराया और उसे बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सौंप दिया।
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है क्योंकि कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई थी।
बलांगीर जिला बाल कल्याण समिति के प्रभारी अध्यक्ष लीना बाबू ने पुष्टि की कि शिशु को पैकामल स्थित एक दंपति के घर से छुड़ाया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने मामले की जांच शुरू नहीं की है क्योंकि शिशु को छुड़ाना हमारी प्राथमिकता थी। दिन में हम जांच शुरू करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे।’’
सूत्रों के अनुसार, बच्ची को बेचने का यह कथित मामला रविवार को टिटलागढ़ उप-मंडल के भलेईगांव पंचायत के बागडेरा गांव में सामने आया।
पुलिस ने बताया कि गरीबी से त्रस्त नीला और कनक राणा नामक दंपति पर अपनी नवजात बेटी को 20 हजार रुपये में बेचने का आरोप है।
हालांकि, पैकामल के दंपति ने बच्ची को खरीदने के आरोपों से इनकार किया, लेकिन दावा किया कि वे बच्ची को उसके जैविक माता-पिता की गरीबी को ध्यान में रखते हुए लाए थे।
अधिकारियों ने बताया कि नीला और कनक दोनों ने दोबारा शादी की है। नीला की पहली पत्नी से तीन बेटियां हैं, जबकि कनक की पिछली शादी से एक बेटी है।
आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए, राणा दंपति ने कथित तौर पर नवजात को दूसरे परिवार को सौंप दिया।
नीला राणा ने सीडब्ल्यूसी को बताया, ‘‘हमने उसे बेचा नहीं है। हमने बच्ची को उसकी बेहतर परवरिश के लिए दिया है, पैसों के लिए नहीं।’’
भाषा
संतोष
संतोष