नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संघर्ष विराम की घोषणा किये जाने पर सोमवार को सवाल उठाया और इसकी तुलना शतक बनाने के कगार पर खड़े खिलाड़ी द्वारा ‘‘पारी घोषित’’ करने से की।
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए बनर्जी ने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर किये गए उन दावों का ‘‘एक बार भी खंडन’’ क्यों नहीं किया, जिसमें उन्होंने संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका के बारे में लिखा था।
बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा देश के साथ खड़ी रही है, ‘‘लेकिन अगर कोई कमी है… तो उसे जरूर बताएंगे।’’
तृणमूल सांसद ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर जारी था, भारत के लोगों को काफी ‘‘उम्मीदें’’ थीं, लेकिन 10 मई को संघर्ष विराम हो गया।
उन्होंने कहा, ‘‘… क्या आपने कभी सुना है कि कोई खिलाड़ी 90 रन पर बल्लेबाजी करते हुए शतक की ओर बढ़ रहा हो और पारी घोषित कर दे। केवल मोदी जी ही ऐसा कर सकते हैं, कोई और नहीं… बात 100 रन पूरे करने की थी, लेकिन अंत में 90 रन पर ही सिमट गया।’’
चर्चा के दौरान, बनर्जी ने 10 मई को ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया वह लेख भी पढ़ा, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ‘‘पूर्ण एवं तत्काल’’ युद्ध संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आपने अपने एक्स हैंडल पर एक बार भी यह पोस्ट क्यों नहीं किया कि ‘वह (ट्रंप) गलत हैं।’ आप ऐसा करने का साहस नहीं दिखा सके।’’
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए, तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने मोदी का कद ‘‘छोटा’’ हो जाता है और उनका ‘‘सीना 56 इंच से 36 इंच का हो जाता है।’’
बाद में, संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने भारत द्वारा सैन्य कार्रवाई रोकने पर फिर से सवाल उठाया।
बनर्जी ने आरोप लगाया, ‘‘पूरा देश आपके (प्रधानमंत्री मोदी के) साथ था। इसलिए, हम सोच रहे थे कि हम यह युद्ध जीतेंगे, पाकिस्तान को अच्छा सबक सिखाएंगे। इसलिए, जब युद्ध जीतने की बात हो रही थी, तो आपने इसे क्यों रोका?’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपने कभी किसी (बल्लेबाज) को 90 के स्कोर पर, शतक के कगार पर, पारी घोषित करते देखा है, (लेकिन) ऐसा ही हुआ है।’’
भाषा सुभाष रंजन
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