(लक्ष्मी देवी ऐरे)
नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि भारत द्वारा आयात शुल्क में कटौती के फैसले के बाद, इंडोनेशिया को उम्मीद है कि वर्ष 2025 में भारत को पाम तेल का निर्यात 50 लाख टन के आंकड़े को पार कर जाएगा, जो 2024 में 48 लाख टन था।
इंडोनेशिया पाम ऑयल एसोसिएशन (आईपीओए) के चेयरमैन एडी मार्टोनो ने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा को बताया कि दुनिया का शीर्ष पाम तेल उत्पादक देश इस साल भारत को 1,00,000 अंकुरित पाम बीज भी भेज रहा है ताकि दक्षिण एशियाई देश की वर्ष 2025-26 तक पाम की खेती को 10 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना को समर्थन मिल सके।
भारत ने घरेलू खाद्य तेल की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत कच्चे पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।
इंडोनेशिया का भारत को पाम तेल निर्यात वर्ष 2023 के 60 लाख टन से घटकर कैलेंडर वर्ष 2024 में 48 लाख टन रह गया, जिसका एक कारण 2024 के अधिकांश समय में सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों की तुलना में पाम तेल की ऊंची कीमतें हैं।
हालांकि, अप्रैल, 2025 से पाम तेल की कीमतें सोयाबीन तेल से कम रही हैं, जिससे प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार हुआ है।
मार्टोनो ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस साल कीमतों को लेकर कोई समस्या नहीं है। मुझे यकीन है कि वर्ष 2025 में हम भारत को निर्यात बढ़ाएंगे।’’
भारत अपने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) के तहत पाम बीजों के आयात में तेज़ी ला रहा है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2025-26 तक खेती को मौजूदा 3,50,000 हेक्टेयर से बढ़ाकर 10 लाख हेक्टेयर करना है।
उन्होंने आगे कहा कि इंडोनेशिया, व्यापार-से-व्यापार व्यवस्था के माध्यम से भारत को पाम के बीजों के निर्यात का समर्थन करता है और पाम खेती में अपने अनुभव के आधार पर तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है।
आईपीओए और भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) ने हाल ही में पाम तेल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। मार्टोनो ने कहा, ‘‘भारत इंडोनेशिया के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बाज़ार है। इस समझौता ज्ञापन के बाद भारत को स्थिर निर्यात करने की उम्मीद है।’’
इस साझेदारी का उद्देश्य भारत में पाम तेल के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में उपभोक्ताओं की चिंताओं का समाधान करना भी है।
मार्टोनो ने कहा, ‘‘भारत में उपभोक्ताओं में अब भी इंडोनेशियाई पाम तेल के बारे में गलत धारणाएं हैं। पाम तेल बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक तेल है।’’ उन्होंने कहा कि आईपीओए इंडोनेशियाई पाम तेल के बारे में नकारात्मक अभियानों का मुकाबला करने के लिए आईवीपीए के साथ सहयोग कर रहा है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक और उपभोक्ता देश है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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