हैदराबाद, 29 जुलाई (भाषा) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और ‘तेलंगाना जागृति’ की अध्यक्ष के. कविता ने मंगलवार को घोषणा की कि वह राज्य की कांग्रेस सरकार और केंद्र की रार्ष्टीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयकों को मंजूरी देने का दबाव बनाने के मकसद से चार अगस्त से 72 घंटे का अनशन शुरू करेंगी।
कविता ने कहा कि इस अनशन का उद्देश्य पिछड़ा वर्ग विधेयक को पारित करने की आवश्यकता पर जोर देना है।
कविता, हाल में अपने नेतृत्व वाले सांस्कृतिक संगठन ‘तेलंगाना जागृति’ के बैनर तले राजनीतिक गतिविधियों का आयोजन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अविभाजित आंध्र प्रदेश के दौरान राज्य विधानमंडल परिसर में बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग को लेकर 72 घंटे का अनशन किया था।
राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का समय देने का अनुरोध करेंगे और पिछड़े वर्गों को 42 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले विधानसभा विधेयकों पर अपनी सहमति का अनुरोध करेंगे।
सोमवार रात राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रभाकर ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव और शिक्षा एवं रोज़गार के अवसरों में पिछड़े वर्गों (बीसी) को 42 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सभी मित्र दलों से समर्थन जुटाने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे भी राष्ट्रपति से मुलाकात का अनुरोध कर रहे हैं।
ये विधेयक मार्च में विधानसभा द्वारा पारित किए गए थे और राज्यपाल को भेजे गए थे तथा राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए लंबित हैं।
भाषा सुरभि नेत्रपाल
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