(भरत शर्मा)
लंदन, 29 जुलाई (भाषा) भारत के बल्लेबाजी कोच सीतांशु कोटक ने जसप्रीत बुमराह की इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में खेलने की संभावना से इनकार नहीं किया और मंगलवार को यहां कहा कि यह तेज गेंदबाज अपने कार्यभार प्रबंधन के अनुसार गेंदबाजी करने के लिए फिट है।
चोटों से जूझने वाले तेज गेंदबाज बुमराह को कार्यभार प्रबंधन के तहत दौरे पर तीन टेस्ट मैचों के लिए चुना गया था, लेकिन श्रृंखला अब नाजुक मोड़ पर पहुंच चुकी है और परिस्थितियों को देखते हुए वह 31 जुलाई से शुरू होने वाले पांचवें टेस्ट मैच खेल सकते हैं।
मैनचेस्टर में नाटकीय ड्रॉ के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर ने भी बुमराह के इस अहम मैच में खेलने की संभावना से इनकार नहीं किया था। कोटक ने मंगलवार को यह बात दोहराई।
कोटक ने मैच से दो दिन पहले कहा, ‘‘बुमराह अब अपने कार्यभार प्रबंधन के हिसाब से फिट हैं। उन्होंने पिछले मैच में एक पारी में गेंदबाजी की थी। इसलिए जाहिर है कि मुख्य कोच, हमारे फिजियो और कप्तान चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे। इस विषय पर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। ’’
ओल्ड ट्रैफर्ड में गंभीर ने यह भी पुष्टि की थी कि उनके सभी तेज गेंदबाज फिट हैं, जिसका मतलब कि अर्शदीप सिंह और आकाश दीप चोटों से उबर चुके हैं।
मोहम्मद सिराज श्रृंखला में अभी तक सभी मैच खेलने वाले एकमात्र भारतीय तेज गेंदबाज हैं।
कोटक से जब सिराज के कार्यभार प्रबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि आप लोग वास्तविक कार्यभार के बारे में क्या सोचते हैं। अगर मैं सरल शब्दों में बताऊं तो टेस्ट श्रृंखला से पहले अगर कोई गेंदबाज प्रति सप्ताह एक निश्चित संख्या में ओवर डालता है तो उससे उनके कार्यभार का अंदाजा लगाया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास एक जीपीएस होता है। यह रिकॉर्ड दिखाता है कि गेंदबाज़ ने पूरे हफ़्ते में कितने ओवर डाले हैं। वे गेंदबाज़ी कोच के लगातार संपर्क में रहते हैं। पिछले 4-5 हफ़्तों के रिकॉर्ड से यह पता लगाया जाता है कि उनका कार्यभार बढ़ा तो नहीं है। ’’
कोटक ने कहा, ‘‘कार्यभार में यह बढ़ोतरी क्या है। अगर कोई गेंदबाज हर सप्ताह 30 ओवर डाल रहा है और अचानक पहली पारी में वह 35 ओवर डाल देता है, तो यह उसके कार्यभार में बढ़ोतरी है। इसलिए सिराज हर सप्ताह जितने ओवर डाल रहा है, यह जरूरी नहीं है कि यह अभ्यास की वजह से हो। यह मैच की वजह से भी हो सकती है। अगर गेंदबाज थका हुआ महसूस करता है तो तब उसके कार्यभार पर विचार किया जाता है।’’
भाषा पंत आनन्द
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