नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को गाजा में इजराइल के सैन्य अभियान पर सोनिया गांधी के लेख तथा लोकसभा में बहस के दौरान पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को ‘हिंदू’ मानने से प्रियंका गांधी वाद्रा के “इनकार” करने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि ये विपक्षी पार्टी का मुस्लिम वोट बैंक को “लुभाने” का “हताशा भरा प्रयास” हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर लोकसभा में बहस में भाग लेते हुए, प्रियंका गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार ‘‘चूक’’ को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और हमले में मारे गए 25 भारतीयों के नाम पढ़े। उन्होंने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रही हैं ताकि सदन के प्रत्येक सदस्य को यह एहसास हो कि ‘‘वे भी हमारी तरह इंसान थे, किसी राजनीतिक खेल के मोहरे नहीं।’’
जैसे ही कांग्रेस सांसद ने पहला नाम पढ़ा, सत्ता पक्ष ने चिल्लाकर कहा,‘‘हिंदू’’। इस पर उन्होंने उत्तर दिया,‘‘भारतीय।’’
इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कांग्रेस पार्टी द्वारा यह मानने से इनकार करना चौंकाने वाला है कि पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को हिंदू होने के कारण निशाना बनाया गया था। यह दर्शाता है कि पार्टी इस राष्ट्र की भावनाओं से क्यों कटी हुई है और भारतीय राजनीति में इसका कोई भविष्य क्यों नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिस दिन भारत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस कर रहा है, उसी दिन सोनिया गांधी गाजा में मुसलमानों के लिए एक भावुक लेख लिखती हैं, एक ऐसा संघर्ष है जिसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है।’’
मालवीय ने आरोप लगाया, ‘‘यह सहानुभूति नहीं है। यह खुला तुष्टीकरण है — मुस्लिम वोटबैंक को खुश करने की एक बेताब कोशिश, जिसमें देश के हिंदुओं के दर्द की पूरी तरह से अनदेखी की जाती है।’’
उन्होंने कहा कि यह “दोहरा मापदंड” भारत की जनता से छिपा नहीं है।
भाजपा नेता ने सोशल मीडिया मंच पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस में सिर्फ़ एक पप्पू नहीं है।’’
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को एक लेख में गाजा में इजराइल के सैन्य अभियान को ‘‘नरसंहार’’ बताते हुए नरेन्द्र मोदी सरकार पर ‘‘मानवता के इस अपमान पर मूकदर्शक’’ बने रहने का आरोप लगाया और कहा कि यह ‘‘हमारे संवैधानिक मूल्यों के साथ कायरतापूर्ण विश्वासघात’’ है।
उन्होंने यह भी कहा कि गाजा के लोगों पर इजराइल के अथक और विनाशकारी हमले के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘शर्मनाक चुप्पी’’ ‘‘बेहद निराशाजनक’’ होने के साथ-साथ ‘‘नैतिक कायरता’’ की पराकाष्ठा भी है।
भाषा
राजकुमार प्रशांत
प्रशांत