जयपुर, 29 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यहां एक रोपवे स्टेशन पर वन भूमि पर कथित तौर पर अवैध व्यावसायिक गतिविधियों का स्वतः संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
एनजीटी ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जयपुर के जिलाधिकारी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) क्षेत्रीय कार्यालय (लखनऊ) और राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को नोटिस जारी किए।
एक खबर के आधार पर अधिकरण ने स्वत: संज्ञान लिया है। इसमें दावा किया गया था कि अन्नपूर्णा मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर को रोपवे परियोजना के माध्यम से जोड़ने के लिए स्वीकृत 0.8735 हेक्टेयर से अतिरिक्त वन भूमि पर मछली स्पा, बॉडी मसाज पार्लर, ज़िप साइकिल राइड और भोजनालयों आदि जैसी अनाधिकृत गतिविधियां चल रही हैं।
आदेश के अनुसार, सहायक वन संरक्षक द्वारा किए गए क्षेत्रीय निरीक्षण में खुले में खाना पकाने, हैलोजन लाइट के उपयोग, प्लास्टिक कचरा डालने और अस्वीकृत निर्माण को भी चिन्हित किया गया।
नयी दिल्ली स्थित न्यायाधिकरण की मुख्य पीठ ने कहा कि ये गतिविधियां वन (संरक्षण) अधिनियम 1980, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 और राजस्थान वन अधिनियम 1953 के तहत उल्लंघनकारी हो सकती हैं।
यह मामला अधिकरण की भोपाल स्थित केंद्रीय क्षेत्रीय पीठ को स्थानांतरित किया गया है। इसमें अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी। सभी पक्षों से हलफनामे के आधार पर जवाब मांगे गए हैं।
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पृथ्वी, रवि कांत
रवि कांत