25.8 C
Jaipur
Friday, August 1, 2025

मालेगांव विस्फोट मामले में 31 जुलाई को आ सकता है फैसला

Newsमालेगांव विस्फोट मामले में 31 जुलाई को आ सकता है फैसला

मुंबई, 30 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मालेगांव शहर में हुए विस्फोट मामले के लगभग 17 साल बाद एनआईए की विशेष अदालत बृहस्पतिवार को इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है।

मालेगांव में 2008 में हुए इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक व्यक्ति घायल हो गए थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता और पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर तथा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज अपराधों के लिए मुकदमा चलाया गया।

इस मामले में मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी अन्य आरोपी हैं।

मामले की जांच करने वाले राष्ट्रीय अन्वेष्ण अभिकरण (एनआईए) ने आरोपियों के लिए “उचित सजा” की मांग की है।

इस घटना के संबंध में 2018 में शुरू हुआ मुकदमा 19 अप्रैल, 2025 को समाप्त हो गया। अदालत ने मामले को फैसले के लिए सुरक्षित रख लिया था।

मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर एक कस्बे में 29 सितंबर 2008 को मस्जिद के पास खड़ी एक मोटरसाइकिल से बंधा विस्फोटक उपकरण फट गया, जिसमें छह लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए थे।

एनआईए ने इस मामले में दी अपनी अंतिम दलील में कहा था कि षड्यंत्रकारियों ने मालेगांव विस्फोट की साजिश मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों में डर फैलाने, आवश्यक सेवाओं को बाधित करने, साम्प्रदायिक तनाव फैलाने और राज्य की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए रची थी।

भाषा

प्रीति नरेश

नरेश

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles