नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) आंखों के चश्मे बेचने वाली कंपनी लेंसकार्ट सॉल्यूशंस ने खुलासा किया है कि उसके सह-संस्थापकों और प्रवर्तकों में से एक सुमीत कपाही दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी बैचलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स) की डिग्री और अंकपत्र की प्रतियां नहीं ढूंढ पाए हैं।
यह खुलासा कंपनी द्वारा प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के तहत बाजार नियामक सेबी के पास दायर दस्तावेजों के मसौदे (डीआरएचपी) में किया गया है।
सोमवार को दाखिल किए गए दस्तावेजों के अनुसार, वर्तमान में कंपनी के सोर्सिंग के वैश्विक प्रमुख कपाही ने दस्तावेजों को दोबारा प्राप्त करने के लिए कई प्रयास किए हैं।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को कई ईमेल और पत्र लिखे हैं, और विश्वविद्यालय के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अंकपत्र की प्रतियों के लिए आवेदन भी किया है। हालांकि, अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
कंपनी ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि दिल्ली विश्वविद्यालय इन पत्रों का समय पर या बिल्कुल भी जवाब देगा।
दस्तावेजों के मसौदे में कहा गया, “हमारे प्रवर्तकों में से एक सुमीत कपाही, जो हमारी कंपनी के संसाधन खंड के वैश्विक प्रमुख भी हैं, दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त अपनी बी.कॉम (ऑनर्स) की डिग्री और अंकपत्र की प्रतियों का पता लगाने में असमर्थ रहे हैं।”
इसमें कहा गया, “इसके अलावा, इस बात की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती कि वह भविष्य में या कभी भी अपनी शैक्षिक योग्यता से संबंधित प्रासंगिक दस्तावेजों का पता लगाने सकेंगे।”
कपाही सितंबर, 2011 से लेंसकार्ट से जुड़े हुए हैं, जहां वह संसाधन संबंधी रणनीतियों के विकास और योजना, आपूर्तिकर्ता संबंधों के प्रबंधन और लागत अनुकूलन के लिए ज़िम्मेदार हैं। लेंसकार्ट में शामिल होने से पहले, कपाही रे-बैन सन ऑप्टिक्स इंडिया में कार्यरत थे।
गुरुग्राम स्थित लेंसकार्ट ने सोमवार को पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास आईपीओ के ज़रिये धन जुटाने की मंज़ूरी के लिए शुरुआती दस्तावेज़ दाखिल किए।
कंपनी आईपीओ के तहत नए इक्विटी शेयर जारी कर 2,150 करोड़ रुपये जुटाएगी। इसके अलावा, प्रवर्तक और निवेशक 13.22 करोड़ शेयर बेचेंगे।
भाषा अनुराग अजय
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